________________ // 811 // // 812 // // 813 // // 814 // // 815 // // 816 // जमणुग्गए रविम्मि अतावखेत्तम्मि गहियमसणाइ। कप्पइ न तमुवभोत्तुं खेत्ताईयं ति समउत्ती असणाईयं कप्पइ कोसदुगभंतराउ आणेउं / परओ आणिज्जंतं मग्गाईयं ति तमकप्पं पढमप्पहरणीयं असणाइ जईण कप्पए भोत्तुं / जाव तिजामे उ8 तमकप्पं कालइक्कंतं कुक्कुडिअंडयमाणा कवला बत्तीस साहुआहारे। अहवा निययाहारो कीरइ बत्तीसभाएहिं होइ पमाणाईयं तदहियकवलाण भोयणे जइणो / एगकवलाइऊणे ऊणोयरिया तवो तम्मि पवयणअसद्दहाणं परलाभेहा य कामआसंसा / व्हाणाइपत्थणं इय चत्तारि वि दुक्खसेज्जाओ. सुहसेज्जाओ वि चउरो जइणो धम्माणुरायरत्तस्स। विवरीयायरणाओ सुहसेज्जाउ त्ति भन्नति अट्ठा गट्ठा हिंसाऽकम्हा दिट्ठी य मोसऽदिन्ने य।। अज्झप्प माण मित्ते माया लोभेरियावहिया तसथावरभूएहिं जो दंडं निसरई उ कज्जेणं। . आयपरस्स व अट्ठा अट्ठादंडं तयं बिति जो पुण सरडाईयं थावरकायं व वणलयाईयं। . मारेइ छिंदिऊण व छुड्डेई सो अणट्ठाए अहिमाइवइरियस्स व हिंसिंसुं हिंसई व हिंसेही। जो दंडं आरंभई हिंसादंडो हवइ एसो अन्नट्ठाए निसिरइ कंडाइ अन्नमाहणे जो उ। जो व नियंतो सस्सं छिदिज्जा सालिमाईयं .. . // 817 // / / 818 // // 819 // // 820 // // 821 // // 822 / /