________________ // 787 // // 788 // // 789 // // 790 // // 791 // // 792 // उत्तरपुव्वा पुज्जा जम्माए निसायरा अहिपडंति / घाणारिसा य पवणे सूरियगामे अवन्नो उ संसत्तग्गहणी पुण छायाए निग्गयाए वोसिरइ / छयाऽसइ उण्हम्मि वि वोसिरिय मुहुत्तयं चिट्ठे उवगरणं वामगजाणुगम्मि मत्तो य दाहिणे हत्थे। तत्थऽन्नत्थ व पुंछे तिआयमणं अदूरम्मि बाले वुड्डे नपुंसे य कीवे जड्डे य वाहिए / तेणे रायावगारी य, उम्मत्ते य अदंसणे दासे दुढे य मूढे य, अणत्ते जुंगिए इय / ओबद्धए य भयए सेहनिप्फेडिया इय जे अट्ठारस भेया पुरिसस्स तहित्थियाए ते चेव / गुव्विणी सबालवच्छा दुन्नि इमे हुंति अन्ने वि पंडए वाइए कीवे, कुंभी ईसालुगत्ति य / सउणी तक्कमसेवी य, पक्खियापक्खिए इय सोगंधिए य आसत्ते, दस एते नपुंसगा। . संकिलिट्ठित्ति साहूणं पव्वावेउं अकप्पिया हत्थे पाए कन्ने नासा उढे विवज्जिए चेव / वामणगवडभखुज्जा पंगुलटुंटा य काणा य पच्छा वि होति विगला आयरियत्तं न कप्पए तेसि / सीसो ठावेयव्वो काणगमहिसोव निम्मम्मि मुल्लयजुयं पुण तिविहं जहन्नयं मज्झिमं च उक्कोसं / जहन्नेणऽट्ठारसगं सयसाहस्सं च उक्कोसं. दो साभरगा दीविच्चगा उ सो उत्तरावहो एक्को / दो उत्तरावहा पुण पाडलिपुत्तो हवइ एक्को // 793 // // 794 // // 795 // // 796 // // 797 // // 798 //