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________________ // 739 // // 740 // // 741 // // 742 // // 743 // // 744 // संसट्ठ-मसंसट्ठा उद्धड तह अप्पलेविया चेव। उग्गहिया पग्गहिया उज्झियधम्मा य सत्तमिया तम्मि य संसट्ठा हत्थमत्तएहि इमा पढम भिक्खा / तव्विवरीया बीया भिक्खा गिण्हंतयस्स भवे नियजोएणं भोयणजायं उद्धरियमुद्धडा भिक्खा / सा अप्पलेविया जा निल्लेवा वल्लचणगाई भोयणकाले निहिया सरावपमुहेसु होई उग्गहिया / पग्गहिया जं दाउं भुत्तुं व करेण असणाई भोयणजायं जं छड्डुणारिहं नेहयंति दुपयाई / अद्धच्चत्तं वा सा उज्झियधम्मा भवे भिक्खा पाणेसणावि एवं नवरि चउत्थीए होइ नाणत्तं / सोवीरायामाइं जमले वाड त्ति समयुत्ती . उज्जु गंतुं पच्चागइया गोमुत्तिया पयंगविही / पेडा य अद्धपेडा अभिंतर बाहिसंबुक्का ठाणा उज्जुगईए भिक्खंतो जाइ वलइ अनडंतो। पढमाए बीयाए पविसिय निस्सरइ भिक्खंतो . वामाओ दाहिणगिहे भिक्खिज्जइ दाहिणाओ वामम्मि / जीए सा गोमुत्ती अड्डवियड्डा पयंगविही चउदिसि सेणीभमणे मज्झे मुक्कम्मि भन्नए पेडा / दिसिदुगसंबद्धस्सेणिभिक्खणे अद्धपेड.त्ति / अभिंतरसंबुक्का जीए. भमिरो बहिं विणिस्सरइ। बहिसंबुक्का भन्नइ एयं विवरीयभिक्खाए आलोयण पडिक्कमणे मीस विवेगे तहा विउस्सग्गे। तव छेय मूल अणवट्ठिया य पारंचिए चेव // 745 // // 746 // // 747 // // 748 // // 749 // // 750 // . . . 93.
SR No.004467
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 17
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages322
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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