________________ // 727 // // 728 // // 729 // // 730 // // 731 // // 732 // पाविज्जइ अट्ठसयं खवगाणुवसामगाण चउपन्ना। उक्कोसओ जहन्नेणेक्को व दुगं व तिगमहवा सुहझाणजलविसुद्धो कम्ममलावेक्खया सिणाओ त्ति / दुविहो य सो सजोगी तहा अजोगी विणिद्दिवो मूलुत्तरगुणविसया पडिसेवा सेवए पुलाए य / उत्तरगुणेसु बउसो सेसा पडिसेवणारहिया निग्गंथसिणायाण पुलायसहियाण तिण्ह वोच्छेओ। समणा बउसकुसीला जा तित्थं ताव होर्हिति निग्गंथ सक्क तावस गेरुय आजीव पंचहा समणा। तम्मी निग्गंथा ते जे जिणसासणभवा मुणिणो सक्का य सुगयसीसा जे जडिला ते उ तावसा गीया / जे धाउरत्तवत्था तिदंडिणो गेरुया ते उ जे गोसालगमयमणुसरंति भन्नति ते उ आजीवा / समणत्तणेण भुवणे पंच वि पत्ता पसिद्धिमिमे संजोयणा पमाणे इंगाले धूम कारणे चेव। उवगरणभत्तपाणे सबाहिरऽब्भंतरा पढमा कुक्कुडिअंडयमेत्ता कवला बत्तीस भोयणपमाणे / राएणाऽऽसायंतो संगारं करइ सचरित्तं भुंजतो अमणुन्नं दोसेण सधूमगं कुणइ चरणं / वेयणआयंकप्पमुहकारणा छच्च पत्तेयं वेयण वेयावच्चे इरियट्ठाए य संजमट्ठाए। तह पाणवत्तियाए छठे पुण धम्मचिंताए आयंके उवसग्गे तितिक्खया बंभचेरगुत्तीसु। पाणिदया तवहेऊ सरीरवोच्छेयणट्ठाए 62 // 733 // // 734 // // 735 // // 736 // // 737 // // 738 //