SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 68
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ // 691 // // 692 // // 693 // // 694 // // 695 // // 696 // वीसं उक्कोसपए वर्ल्डति जहन्नओ य एक्को य। सीओसिणचंरियनिसीहिया य जुगवं न वटुंति सुत्ते अत्थे भोयण काले आवस्सए य सज्झाए / संथारे चेव तहा सत्तेया मंडली जइणो * मण परमोहि पुलाए आहारग खवग उवसमे कप्पे / संयमतिय केवल सिज्झणा य जंबुम्मि वोच्छिन्ना अणमिच्छमीससम्मं अट्ठ नपुंसित्थीवेयछक्कं च। पुंवेयं च खवेई कोहाईए वि संजलणे कोहो माणो माया लोहोऽणंताणुबंधिणो चउरो / खविऊण खवइ संढो मिच्छं मीसं च सम्मत्तं अप्पच्चक्खाणे चउरो पच्चक्खाणे य सममवि खवेइ / तयणु नपुंसगइत्थीवेयदुर्ग खविय खवइ समं. हासरइअरइपुंवेयसोयभयजुयदुगुंछ सत्त इमा। तह संजलणं कोहं माणं मायं च लोभं च तो किट्टीकयअस्संखलोहखंडाई खविय मोहखया। पावइलोयालोयप्पयासयं केवलं नाणं नवरं इत्थी खवगा नपुंसगं खविय थीवेयं / हासाइछगं खविउं खवइ सवेयं नरो-खवगो अणदंसनपुंसित्थीवेयछक्कं च पुरिसवेयं च / दो दो एगंतरिए सरिसे सरिसं उवसमेइ ... कोहं माणं मायं लोभमणंताणुबंधमुवसमइ / मिच्छत्तमिस्ससम्मत्तरूवपुंजत्तयं तयणु इत्थिनपुंसगवेए तत्तो हासाइछक्कमेयं तु / हासो रई य अरई य सोगो य भयं दुगुंछा य / / 697 // // 698 // // 699 // // 700 // // 701 // // 702 //
SR No.004467
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 17
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages322
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy