________________ लग्गाइसु तूरते तो पडिवज्जित्तु खित्तबाहिठिया / गिव्हंति जं अगहियं तत्थ य गंतूण आयरिओ . // 619 // तेसि तयं पयच्छइ खेत्तं इंताण तेसिमे दोसा / वंदंतमवंदंते लोगम्मि य होइ परिवाओ // 620 // न तरेज्ज जई गंतुं आयरिओ ताहे एइ सो चेव। अंतरपल्लिं पडिवसभ गामबहि अण्णवसहि वा // 621 // तीए य अपरिभोगे ते वंदंते न वंदई सो उ। तं घेत्तु अपडिबद्धा ताहि जहिच्छाइ विहरंति // 622 // जिणकप्पिया वि तहियं किंचि तिगिच्छं पि ते न कारेंति / निप्पडिकम्मसरीरा अवि अच्छिमलं पि नऽवणिति // 623 // थेराणं नाणत्तं अतरंतं अप्पिणंति गच्छस्स / ते वि य से फासुएणं करेंति सव्वं पि परिकम्म // 624 // एक्केक्कपडिग्गहगा सप्पाउरणा भवंति थेरा उ। जे पुण सिं जिणकप्पे भयएसिं वत्थपायाइं // 625 // गणमाणओ जहण्णा तिण्णि गणा सयग्गसो य उक्कोसा। पुरिसपमाणे पनरस सहस्ससो चेव उक्कोसा // 626 // पडिवज्जमाणगा वा एक्काइ हवेज्ज ऊणपक्खेवे। होति जहण्णा एए सयग्गसो चेव उक्कोसा // 627 // पुव्वपडिवन्नगाण वि उक्कोसजहण्णसो परिमाणं / . कोडिपुहुत्तं भणियं होइ अहालंदियाणं तु. // 628 // उव्वत्त दार संथार कहग वाईय अग्गदारम्मि। भत्ते पाण वियारे कहग दिसा जे समत्था य // 629 // एएसि तु पयाणं चउक्कगेणं गुणिज्जमाणाणं / निज्जामयाण संखा होइ जहासमयनिद्दिट्ठा // 630 // 53.