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________________ छाएइ अणुक्कुइए उरोरुहे कंचुओ असिव्वियओ। एमेव य ओकच्छिय सा नवरं दाहिणे पासे // 535 / / वेगच्छिया उ पट्टो कंचुगमुक्कच्छिगं च छायंतो। संघाडीओ चउरो तत्थ दुहत्था उवसयम्मि // 536 // दोन्नि तिहत्थायामा भिक्खट्ठा एग एगमुच्चारे। ओसरणे चउहत्थाऽनिसण्णपच्छायणा मसिणा : // 537 // . खंधगरणी उ चउहत्थवित्थडा वायविहुयरक्खट्ठा / खुज्जकरणी उ कीरइ रूववईणं कुडहहेऊ // 538 // जिणकप्पिया य साहू उक्कोसेणं तु एगवसहीए। सत्त य हवंति कहमवि अहिया कइया वि नो हुंति // 539 // अट्ठविहा गणिसंपय चउग्गुणा नवरि हुंति बत्तीसं। विणओ य चउब्भेओ छत्तीस गुणा इमे गुरुणो // 540 // आयार सुय सरीरे वयणे वायण मई पओगमई। एएसु संपया खलु अट्ठमिया संगहपरिण्णा. // 541 // चरणजुओ मयरहिओ अनिययवित्ती अचंचलो चेव। जुगपरिचिय उस्सग्गी उदत्तघोसाइ विन्नेओ // 542 // चउरंसोऽकुंटाई बहिरत्तणवज्जिओ तवे सत्तो। वाई महुरत्तऽनिस्सिय फुडवयणो संपया वयणे // 543 // जोगो परिणयवायण निज्जविया वायणाए निव्वहणे / ओग्गइ ईहावाया धारण मइसंपया चउरो // 544 // सत्ती पुरिसं खित्तं वत्थु नाउं पउंजए वायं। . गणजोग्गं संसत्तं सज्झाए सिक्खणं जाणे // 545 // आयारे सुयविणए विक्खिवणे चेव होइ बोधव्वा / दोसस्स परीघाए विणए चउहेस पडिवत्ती / // 546 // 46
SR No.004467
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 17
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages322
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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