________________ एगारसमं मुणिसुव्वयं च वंदामि देवईजीयं / बारसमं अममजिणं सच्चइजीवं जयपईवं // 463 // निकसायं तेरसमं वंदे जीवं च वासुदेवस्स। बलदेवजियं वंदे चउदसमं निप्पुलायजिणं // 464 // सुलसाजीवं वंदे पन्नरसमं निम्ममत्तजिणनामं / रोहिणिजीवं नमिमो सोलसमं चित्तगुत्तं ति . . // 465 / / सत्तरसमं च वंदे रेवइजीवं समाहिनामाणं। संवरमट्ठारसमं सयालिजीवं पणिवयामि // 466 // दीवायणस्स जीवं जसोहरं वंदिमो इगुणवीसं। या कण्हजियं गयतण्हं वीसइमं विजयमभिवंदे नाटं तीपट विजयमभिवंदे // 7 // वंदे इगवीसइमं नारयजीवं च मल्लिनामाणं / देवजिणं बावीसं अंबडजीवस्स वंदेऽहं // 468 // अमरजियं तेवीसं अणंतविरियाभिहं जिणं वंदे। तह साइबुद्धजीवं चउवीसं भद्दजिणनामं - // 469 // उस्सप्पिणिइ चउवीस जिणवरा कित्तिया सनामेहिं / सिरिचंदसूरिनामेहिं सुहयरा हुंतु सयकालं . // 470 // चत्तारि उड्डुलोए दुवे समुद्दे तओ जले चेव / बावीसमहोलोए तिरिए अद्दुत्तरसयं तु // 471 // एक्को व दो व तिन्नि व अट्ठसयं जाव एक्कसमयम्मि। मणुयगईए सिज्झइ संखाउयवीयरागा उ // 472 // तित्थयर अतित्थयरा तित्थ सलिंगऽन्नलिंग थी पुरिसा / गिहिलिंग नपुंसक अतित्थसिद्ध पत्तेयबुद्धा य एग अणेग सयंबुद्ध बुद्धबोहिय पभेयओ भणिया / सिद्धते सिद्धाणं भेया पन्नरससंख त्ति 40 // 473 // // 474 //