________________ // 443 // तिन्नि वा कड्ढई जाव, थुइओ तिसिलोइया। . ताव तत्थ अणुन्नायं, कारणेण परेण उ // 439 // कंकिल्लि कुसुमवुट्ठी दिव्वज्झुणि चामराऽऽसणाइं च / भावलय भेरि छत्तं जयंति जिणपाडिहेराइं. . // 440 // रयरोयसेयरहिओ देहो धवलाई मंसरुहिराई। आहारानीहारा अद्दिस्सा सुरहिणो सासा . . // 441 // जम्माउ इमे चउरो एक्कारस कम्मखयभवा इण्डिं। खेत्ते जोयणमेत्ते तिजयजणो माइ बहुओ वि // 442 // नियभासाए नरतिरिसुराण धम्मावबोहया वाणी। . पुव्वभवा रोगा उवसमंति न य हुंति वेराइं दुब्भिक्ख डमर दुम्मारि ईई अइवुट्ठि अणभिवुट्ठीओ। हुंति न जियबहुतरणी पसरइ भामंडलुज्जोओ // 444 // सुररइयाणिगुवीसा मणिमयसीहासणं सपयवीढं। छत्तत्तय इंदद्धय सियचामर धम्मचक्काई.. // 445 // सह जगगुरुणा गयणट्ठियाइं पंच वि इमाइं वियरंति / पाउब्भवइ असोओ चिट्ठइ जत्थप्पहू तत्थ . . // 446 // चउमुहमुत्तिचउक्कं मणिकंचणताररइयसालतिगं / नवकणयपंकयाइं अहोमुहा कंटया हुति // 447 // निच्चमवट्ठियमित्ता पहुणो चिटुंति केसरोमनहा / इंदियअत्था पंच वि मणोरमा हुंति छप्पि रिऊ गंधोदयस्स वुट्ठी वुट्ठी कुसुमाण पंचवन्नाणं। . दिति पयाहिण सउणा पहुणो पवणो वि अणुकूलो // 449 // पणमंति दुमा वजंति दुंदुहीओ गहीरघोसाओ / चउतीसाइसयाणं सव्वजिणिदाण हुँति इमा // 450 // // 448 // 38