________________ सबरी वसणविरहिया करेहि सागारिअं जह ठएइ। ठइऊण गुज्झदेसं करेहि इअ कुणइ उस्सग्गं // 251 / / अवणामिउत्तमंगो काउस्सग्गं जहा कुलवहु व्व। नियलियओ विव चरणे वित्थारिय अहव मेलविउं: // 252 // काऊण चोलपढें अविहीए.नाहिमंडलस्सुवरि / हेट्ठा य जाणुमेत्तं निट्ठइ लंबुत्तरुस्सग्गं . : // 253 // पच्छाइऊण य थणे चोलग-पट्टेण ठाइ उस्सग्गं / दंसाइरक्खणट्ठा अहवाऽणाभोग-दोसेणं // 254 // मेलित्तु पण्हियाओ चलणे वित्थारिऊण बाहिरओ। काउस्सग्गं एसो बाहिरउड्डी मुणेयव्वो // 255 // अंगुटे मेलविउं वित्थारिय पण्हिआउ बाहिति। काउस्सग्गं एसो भणिओ अर्भितरुद्धि त्ति - // 256 / / कप्पं वा पट्टं वा पाउणिउं संजइ व्व उस्सग्गं / ठाइ य खलिणं व जहा रयहरणं अग्गओ काउं // 257 // भामेइ तह य दिढेि चलचित्तो वायसो व्व उस्सग्गे / छप्पइयाण भएणं कुणइ य पढें कविटुं च // 258 // सीसं पकंपमाणो जक्खाइट्ठो व्व कुणइ उस्सग्गं / मूठ व्व हूहुयंतो तहेव छिज्जंतमाईसु // 259 // अंगुलिभमुहाओ वि अ चालितो कुणइ तहय उस्सग्गं / आलावग-गणणटुं संठवणत्थं च जोगाणं // 260 // काउस्सग्गम्मि ठिओ सुरा जहा बुडबुडेइ अव्वत्तं / - अणुपेहंतो तह वानरो व्व चालेइ ओट्ठपुडे // 261 // एए काउस्सग्गं कुणमाणेण विबुहेण दोसा उ। सम्मं परिहरियव्वा जिणपडिसिद्ध त्ति काऊणं // 262 //