________________ मूला तह भूमिरुहा विरूह तह ढक्कवत्थुलो पढमो। सूयरवल्लो य तहा पल्लंको कोमलंबिलिया // 239 / / आलू तह पिंडालू हवंति एए अणंतनामेहि / अण्णमणंतं नेयं लक्खण-जुत्तीइ समयाओ // 240 // घोसाडकरीरंकुरतिंदुयअइकोमलंबगाईणि / वरुणवडनिंबगाईण अंकुराई अणंताई // 241 // गूढसिर-संधि-पव्वं समभंगमहीरगं च छिन्नरुहं / साहारणं सरीरं तव्विवरीयं च पत्तेयं // 242 // चक्कं व भज्जमाणस्स जस्स गंठी हवेज्ज चुन्नघणं / तं पुढवीसरिसभेयं अणंतजीवं वियाणाहि // 243 // गूढसिरागं पत्तं सच्छीरं जं च होइ निच्छीरं / जं पि य पयावसंधिं अणंतजीवं वियाणाहि // 244 // पंचुंबरी चउविगई हिमविसकरगे य सव्वमट्टी य। रयणी-भोयणगं चिय बहुबीय अणंतसंधाणं // 245 // घोलवडा वायंगण अमुणिअनामाणि फुल्ल-फलयाणि / तुच्छफलं चलियरसं वज्जह वज्जाणि बावीसं // 246 // घोडग लया य खम्भे कुड्डे माले य सबरि वहुनियले। लंबुत्तर थण उड्डी संजइ खलिणे य वायस कवितु // 247 / / सीसोकंपिय मूई अंगुलिभमुहा य वारुणी पेहा / .. एए काउस्सग्गे हवंति दोसा इगुणवीसं. .. // 248 // आसो व्व विसमपायं आउंटवित्तु ठाइ उस्सग्गे। कंपइ काउस्सग्गे लयव्व खर-पवण-संगेणं // 249 // खंभे वा कुड्डे वा अवठंभिय कुणइ काउस्सग्गं तु / माले य उत्तमंगं अवठभिय कुणइ उस्सग्गं // 250 // 21 . .