________________ // 64 // // 65 // // 66 // // 67 // // 68 // // 69 // अंजणदहिमुहचेइअ वीसं चउदार दीहपिहुउच्चा। सयपन्ना स बावत्तरि जोअण ठाणांगि जिआभिगमे . नंदी विदिसिं चउरो दसिगसहसा पिहुच्चायाओहे। झल्लरिसरिस अचेइअ रइकर ठाणंगि सुत्तम्मि नंदीसर व्व उ8 पन्नासाई य असुरजिणभवणा / तयअद्धं नागाइसु वंतरनगरेसु य तय अद्धं मन्नह जिणाण आणं मिच्छं परिहरह धरह सम्मत्तं / छव्विहआवसयम्मि अ उज्जुत्तो होइ पइदिअहं पव्वेसु पोसहवयं दाणं सीलं तवो अ भावो अ। सज्झाय नमुक्कारो परोवयारो अ जयणा य जिणपूआ जिणथुणणं गुरुथुई साहम्मिआण वच्छलं / ववहारस्स य सुद्धी रहजत्ता तित्थजत्ता य . संघोवरि बहुमाणो धम्मिअमित्तो पभावणा तित्थे / नवखित्ते धणववणं पुत्थयलिहणं विसेसेण परिगहमाणऽभिग्गह इक्कारससड्डपडिमफासणया / सव्वविरई मणोरह एमाई सड्ढकिच्चाई अह चउदससु गुणेसुं कालपमाणे भणामि दुविहं पि / न मरइ मरइ व जेसुं सह परभवे जेहिं नो जेहिं अप्पबहू मिच्छं अणाइऽनिहणं अभव्वो भव्वे वि सिवगमाजुग्गे / सिवगइ अणाइसंतं साईसंतं पि तं एवं . लहु अंतमुहू गुरुअं देसूणमवड्डपुग्गलपरटुं। सासाणं लहु समओ आवलिछक्कं च उक्कोसं अजहन्नमणुक्कोसं अंतमुहू मीसगं अह चउत्थं / समहिअतित्तीसयरे उक्कोसं अंतमुहू लहुअं . . . 187 // 70 // // 71 // // 72 / / // 73 / / // 74 // // 75 //