________________ वासासु पनर दिणा सीउण्हकाले य मास दिणवीसा। सव्वा कडाहविगई कप्पइ साहुण इय दीहां // 252 // जुगराय बार पहरा वीसं घिसि तक्करं कयंबो य। . पच्छा निगोयजंतू उप्पज्जइ सव्वदेसेसु . // 253 // पुआ मुंगडि लप्पसी करंब रब्बाइ सिद्धअन्नमज्झम्मि। अट्ठपहराण उवरि सुहमा जीवा सुए भणिया . . // 254 // जं मुग्गमासपमुहं विदलं कच्चम्मि गोरसे पडइ।। ता तसु जीवुप्पत्ती भणंति दहिएं बिदिणउवरि . // 255 // जइ अणगलियं तकं पमायवसओ समायरइ सड्ढो। . मज्जसमं तं पाणं गोयम ! भणियं न संदेहो // 256 // वासासु तिन्नि पहरा तह चउरो हुंति सीयकालम्मि। पंच य गिम्हे काले फासुअनीरस्स परिमाणं // 257 // ठाणाइ परिसुद्ध होइ सचित्तं मुहुत्तमज्झम्मि। पच्छा तिमुहुत्त जलं फासुय भणियं जिणिदेहिं // 258 // उस्सेइम 1 संसेइम 2 तंदुल 3 तिल 4 तुस 5 जवोदगा 6 यामं 7 / सोवीर 8 सुद्धवियडं 9 अंब य 10 अंबाय 11 कविढे 12 / / 259 // माउलिंग 13 दक्ख 14 दाडिम 15, खज्जुर 16 नालेर 17 कयर 18 बोरजलं 19 / आमलगं 20 चंचाए 21, पाणिय पढमंग भणियाई // 260 // उण्होदगं तिदंडु-क्कालिय वासासु तिपहरमचित्तं / ' चउ सिसिरे पण गिम्हे तेण परं होइ सचित्तं // 261 // पण दिण मीसो लुट्टो अचालिओ सावणे अ भद्दवए / चउ आसो कत्तीए मगसिर पोसम्मि तिन्नि दिणा // 262 // 166