________________ दंतवणं तंबोलं कायव्वं नेव अंबिलम्मि तवे। जलभिन्नमण्णाहारं कप्पइ सव्वं पि तत्थ ठिए // 108 // सोवीरमुसिणजलं कप्पइ नो अण्णमेस विहि पायं / सोवीरं सिद्धपिटुं निण्णेहं वियलमुक्किठे // 109 // मज्झम्मि घुग्घुरियाई हिंगुप्पमुहा कप्पए भयणा। भज्जियधण्णाईयं सव्वं पिंपकप्पइ जहन्ने : // 110 // दु-ति-चउअंगुलमाणं नीरं जइ हवइ सिद्धभत्तुवरि / आयंबिलं विसुद्धं हविज्ज तो सव्वकट्ठहरं // 111 // जगरा-जीरयजुत्तं ओयणमिह कप्पए जईण पुणो / सड्डाणं नो कप्पइ तूयरिलट्टाइयं वि पुणो // 112 // निविगयं पुण तिविहं इग-बीयासणेगठाण-दत्तितवे। वग्घारियतिमण-खज्जग-विगइंगयं नोऽवभुंजेइ - // 113 // अत्थ अलेवं भुंजइ खाइमवत्थू वि नोऽवभुंजेइ / उक्किट्ठ निविगई मज्झिमओ खाइमं भुंजे . // 114 // तत्थ जहन्ने सव्वं विगइगयं भुजए अकारणओ। संपइ इगासणम्मि य किज्जइ निव्विगयपच्चक्खाणं // 115 // सोवीरमुसिणनीरं पकप्पए तिविहनिविगयम्मि। पायं सचित्तचाओ किज्जइ बहुदिणतवे भयणा // 116 // रइयं पगरणमेयं मुणीणमाहारमेयनाणटुं / सिरिसिरिचंदमुणिंदेण हेमसूरीण सीसेण // 117 // 144