________________ तेण मरीइतिदंडी कविला इहयं पि सुद्धवयणं पि। भासंतो दुब्भासी भणिओ उसहेण दुहभागी . . // 459 // साहुसमीवे पुण्णो धम्मो अम्हं तु किंचि न य पुण्णो। इअभासा तलिंगे नो जुत्तं तेण मोस त्ति .. // 450 // जयवऽण्णतित्थिआ विअ सिझंति अ नहु सतित्थिआ केई। . तह वि परतित्थिगहिआ जिणपडिमा कप्पए नेव // 451 // लोए वि सुजाइकुलुप्पण्णो सुपरिक्खिओ जहा जुग्गो / न तहा विवरीओ वि अ गुणवं पि विवाहमाईसु // 452 // उत्तमकुले असुद्धो जो जाओ सो णु.चेव चइयव्वो। विवरीअकुलं सयलं सुकुलेहि चेव चइअव्वं // 453 // जह वा परपरिगहिआ जिणपडिमा भद्दओ वि उस्सुत्ते / मुणिगुणजुत्तो वि कुसीललिगिवग्गे वि परिचत्तो // 454 // एवं निअगुणविलयाभावे विदलाइ रत्तिअंतरिक्षं। कुहणसहावयवग्गे पडिअं परिहेअमेव त्ति // 455 // ववहारो बहु बलवं लोए लोउत्तरे अ मग्गम्मि / तस्सुच्छेए तित्थुच्छेओ छेएहिं निद्दिट्टो // 456 // पज्जूसिअसद्दत्थो अहिगारवसेण होइ णाण त्ति / जो जत्थ जहा वुत्तो जुत्तो तह चेव णो इहरा // 457 // कत्थ वि ठाणब्भंसे पुराणभावे कहिंचि वावण्णे। कत्थ वि सीअलभावे रतंतरिए वि पज्जुसिओ // 458 // जम्मि उ पीलिजंते नेहो नहु होइ बिति तं विदलं।. विदले वि हु उप्पन्नं णेहजुअं होइ णो विदलं . // 459 // एवं विदलसरूवं भणिऊण वि भणइ विदलवग्गगयं / संगरिंगाई चवलयफलिउ व्व विदलसन्नो त्ति . // 460 // 365