________________ चाउद्दसट्ठमुट्ठिपुण्णमासिणिसुपमुहजिणवयणं / न य कत्थ वि चाउद्दसिअट्ठमिपक्खिअपमुहवयणं // 247 // जम्हा दोसद्देहिं दुनि तिहीओ जिणिंदभणिआओ। तम्हा चउदसिपक्खिअसक्खी लेवो वि सूअगडे // 248 // सुत्तम्मि एगअत्थो णो जुत्तो णेगसद्दवयणिज्जो। अप्पग्गंथमहत्थं सुत्तं जपंति जेण जिणा // 249 // चउदसिपक्खिअतित्थं अच्छिनं अज्ज जाव वट्टेइ / जं तस्स मूलमण्णं पवट्टओ नत्थि तित्थयरा // 250 // पुण्णिमपक्खिअमूलं चंदप्पहसनिओ तुहं पि मओ। लिंगं पक्खिअसत्तरि मुणिचंदकया तयट्ठाए // 251 // चउदसिपक्खा पुण्णिमपक्खो इह निग्गओ त्ति विक्खायं / पुण्णिमपक्खा चउदसिपक्खो वि न वयणगंधो वि // 252 // तम्हा पुण्णिमपक्खे छिनं तित्थं हविज्ज निअमेणं / एवं सेसमएसु वि भाविज्जा सुहुमबुद्धीए . // 253 // जोइसकरंडपमुहे पडिवाइकमा तिहीण णामाई। तत्तो पसिद्धपक्खिअपव्वनिमित्तं जिणुत्ताई // 254 // किंतिह जोइससत्थे अणाइसिद्धो तिहिक्कमो एवं / तेणिव नंदे भद्दे जए अ तुच्छे अ पुण्ण त्ति // 255 // तेणं पक्खस्संतो पण्णरसी तत्थ पक्खपडिकमणं / जुतं ति मइविगप्पो मिउ व्व सिंहाउ संतसिओ // 256 // किंचिह पक्खस्संतो देवसिओ राइओ व तुब्भ मए / दुहओ तुह गलपासो दुण्हंपंतो विआले वि // 257 // .अण्णह सावणपमुहा मासा अहिणंदणाइणामेहिं / भणिआ तेणासाढे पुण्णिम पज्जोसवणपव्वं // 258 // 306