________________ // 44 // // 45 // // 46 // // 47 // // 48 // // 49 // जह एगा जिणपडिमा बहुर्हि दिट्ठा वि दिट्ठिअणुसारा / निअनिअरुइबुड्डिकरी एवं चिअ दव्वसिद्धंतो अहवऽण्णउत्थिएहि जीवो भणिओ अणेगरूवेहिं / परमत्थओ उ नत्थिअपवाइणो ते जिणिदुत्ता तेण व अरिहं देवो सुसाहु गुरुणो अ केवलीवुत्तो / धम्मु त्ति नाममित्तं भासते वत्थुऽभिनिवेसी गोदुद्धमक्कदुद्धं वण्णभिहाणेहिं तुल्लमवऽतुल्लं / परिणामेणिह जह तह तित्थातित्थाणमरहाई जं लोउत्तरमिच्छं लोइअमिच्छत्तओ महापावं / जह वच्छनागविसओ तालुउडं उक्कडं पयर्ड तुल्ले वि तित्थचाए लोओ जिणसासणं इमं नऽन्नं / इअ वयणं जं भासइ इअरो तंऽपन्नहा पावो जं तेसि माणसिअं पावं वोत्तुं पहू न सव्वण्णू / जं पइसमयं तित्थुच्छेअं पिच्छंति मच्छु व्व एवं तित्थंगीकयचउत्थिचाए जिणाइआसाई / भणिओ अ अभिनिवेसी भणामि अह सुत्तपक्खं पि जं वुत्तं सुत्तपक्खे दक्खु त्ति अ तं पि वयणमुस्सुत्तं / * जं सुत्तत्थुभयं पिय परंपरासंगयं भणियं तइयागमु कुसुमसमो परंपरारुक्खसूरिसाहाए / . फलसरिसो सुहजोगो मोक्खो महुरो रसासाओ जेणाहमेण चत्तो सूरिकमो तेण दसविह वि चत्ता / सामाचारी जीअं पि जम्मि तं आगमो सो वि जीअववहारलोवी परंपरालोवगो हवइ निअमा / सो भद्दबाहुभणिओ मिच्छादिट्ठी जमालि व्व 330 // 50 // // 51 // // 52 // // 53 // // 54 // // 55 //