________________ जो पुण वयाहिगारे, तस्सेव पयस्स पव्वउववासो / अत्थो सत्थे लिहिओ, नेओ सो नो पवत्तिकरो . // 24 // आहाराइपयाणं, जइ वि हु-कयदेससव्वभेयाणं / भंगा भवंति असिई, तु वि दो भेया वएऽणुमया // 25 // सामाइए वि एगूण-पण्णभंगेसु एगमिह गहीयं / अण्णे वि हु जइ भेया, तत्थ पमाणं ? पसंगो तो // 26 // तत्तत्थविवरणे जं, पडिवाइसु अणिययत्तमस्सुत्तं / - तत्थ य बीयं सत्ती-सब्भावाई न वोत्तव्वं // 27 // अनिययतिहिगणणाए, गणियत्तणउ न होज्ज नियतत्तं / पोसहवयस्स वच्छरि-पव्वे त्ति विरुद्धमुभयत्थ(वि) // 28 // सिलंगायरिएहि, तह उद्दिवासु पोसहोऽनिययं / उद्दिट्टो बितियंगे, इह य अणियउ त्ति पुण दोसो // 29 // किंतु तहिं जइ कल्ला-णयाइ होज्जा ? तओ वयं कुज्जा / इहरा न वेत्ति ते पुण, नियमियदिणगहणओ न सया // 30 // सत्थाणुसारओ नणु, पोसहगहणे तिहीउ एयाओ। . आयरियावरणाओ, अन्नत्थ वि अणुमयं एवं // 31 // चणु अणवज्जु कज्जं, कज्जुमिणं सव्वयाऽणुपेहं व / सच्चं सज्झायाइसु, गिइज्जइ वेलावयाईणि // 32 // पोसहतिहिपरमऽत्थो, इय कहिओ ससमयाणुसारेणं। करणविही जिणवल्लह-कयपोसहपयरणाउ पुणो // 33 // मइमंदयाइवसओ, जं लिहियं इह य आगमोत्तिण्णं / मइमं दयाइ वसओ, सोहेउ तयं सुहीवग्गो // 34 // इय सुय-सुयहरसम्मय, कइवयवयणेहिं पयरणं सुहियं / / लिहियं सिहि-जलनिहि-गुह, मुह-विहि-वरिसे सुहरिसेणं // 35 //