________________ अह जिणदसणवियसियमुहकमला वंदिऊण जिणचंदे। देवगणसंपरिवुडा इंदा जिणजम्मभवणाणं // 204 // अह पासे ठाऊणं भणंति सेणावई पयत्तेणं। ... "जणणीण सगासाओ आणेह जिणे उ विणएणं" . . // 205 // तो ते हरिसियमणसा होऊण अहोमुहा जिणवरिंदे / घेत्तुं विणीयविणया उवणेति सहस्सनयणाणं // 206 / / अह ते देवाण पई नयणसहस्सेहिं जिणवरे तइया / न वि तिप्पंति नियंता तिहुयणसोहऽब्भहियसोभे / // 207 // तो पणमिउं जिणिदे इंदा परमेण भत्तिराएण। . .. पगया घेत्तूण जिणे पंचऽप्पाणे विउव्वेंति // 208 // गहियजिणिदो एक्को दो दो पासेसु चामरे हत्थे / धवलायवत्तहत्थे एक्के, एक्केऽत्थ वज्जधरे . // 209 // चउविहदेवसमग्गा ते सक्का तिव्वजायपरितोसा / उप्पइऊणागासं सुमेरुसंपट्ठिया तुरियं // 210 // तो बालजिणवरिंदे उवगायंता सुरा सपरिवारा / वच्चंति मुइयमणसा पुरओ सव्वाहिगारेणं // 211 // पंचण्ह वि मेरूणं गिरिवरसिहरे खणेण संपत्ता / कंचणदूमोववेए सव्वोउयपुप्फ-फलभरिए // 212 // पंचण्ह वि मेरूणं एक्कक्के होइ पंडगवणं तु / नज्जइ तेलोक्कस्स वि लच्छी संपिंडिया तेसु // 213 // ताण बहुमज्झदेसे चूला जिणभवणसोहिया रम्मा। . वेरुलियविमलरूवा पंचऽट्ठग जोयणुविद्धा // 214 // पंचण्ह वि मेरूणं चूला एक्कक्किया मुणेयव्वा। . सासयजिणभवणाओ हवंति पंचेव चूलाओ . // 215 //