________________ पणमंति सिरेण जिणे पुणो पुणो पागसासणा पयया / उदेऊण भणंति वयणमिणं नेगमेसिसुरे // 192 // "पंचसु एरवएसु पंचसु भरहेसु दस जिणा जाया। काहामो अभिसेयं करेह विदियं सुरगणाणं" // 193 // सक्कीसाणाणत्ती तो ते घेत्तुं सुरे विसयसत्ते। वयणं भणंति भणिया सुघोसघंटाए बोहेडं // 194 // "भो भो ! सुणंतु सव्वे सुरवसभा ! सुरवतीण वयणमिणं / एगसमएण जाया दस वि जिणा दससु खेत्तेसु // 195 // तो तेसि जम्ममहो जम्म-जरा-मरणविप्पमुक्काणं / वच्चामो मणुयलोगं जिणाभिसेगस्स कज्जेणं // 196 // तं तुब्भे वि सपरियणा आयरतरएण गहियनेवत्था। अण्णेह देवराए सविमाणगया सह वि (पि) याहिं" // 197 // तो ते सुरवरवसभा वयणं सोऊण नेगमेसीणं। जाणविमाणारूढा सक्कविमाणे समोसरिया . // 198 // अह वासवा वि सव्वे उत्तरवेउविए करिय रूवे। . एरावयधवलविसं कयजयसद्दा समारूढा // 199 // रेहंति दो वि सक्का उत्तरवेउविएहिं रूवेहि। पण्णासं पण्णासं, दससु वि खेत्तेसु एंति दुयं // 200 // पहयपडुलड़हपडहा सलोगपालऽग्गमहिसिपरिवारा / संपत्थिया य सुरवइ जिणाण पामूलमभिवंदा // 201 // संपत्ता य खणेणं सुर-इच्छरासंघपरिवुडा तहियं / जाया जत्थ जिणिंदा वाच्छिण्णपुणब्भवा गुरुणो // 202 // पेच्छंति सव्वसका जिणविभवा सागरंतरे दीवे / इक्खागवंसजाए सयलजगाणंदणे हत्थं // 203 //