________________ परिवारेउं सव्वा तो ते सिंगार-हावकलियाओ। गायंति सवणसुहयं सत्तस्सरसीभरं गेयं // 180 / / सत्तो जिणजणणीओ महुरं गेयं दिसाकुमारीओ। . . . सुणमाणाओ सहसा निदाए वसं गया ताओ .. // 181 // ताहे भवणाहिवई वीसं, सोलस य वणयराहिवई। चंदाइच्चा सगहा सरिक्ख-तारागणसमग्गा . // 182 // कप्पाहिवती वि तओ ओहिन्नाणेण जाणिऊण जिणे / जा(? ता)हे जाया समहियमियंकसोमाऽऽणणच्छाया // 183 // तो हरिसगग्गरगिरा सरहसमब्भुट्ठिया. सपरिवारा। महियलनिमियवरंगा संथुणिउं आयरतरेण // 184 // सव्विड्डीए सपरिसा पहरिसकक्कसभूया (?) सपत्तीया / जिणचंदे ददुमणा वणे(णा) वणे(णा) आगया तुरियं // 185 // हरिसियमणा सुरिंदा जिणचंदे उग्गए तहिं दटुं। जाया समहियसोहा ससिं व दट्टण कुमुयवणे(णा) // 186 // जणणिसहिए जिणिंदे नमिऊण पयाहिणं च काऊणं / करयलकयंजलिपुडा विणयनया पज्जुवासंति // 187 // अह सोहम्मे कप्पे विसयपसत्तस्स सुरवरिंदस्स। सक्कस्स नवरि दिव्वं सहसा सीहासणं चलियं // 188 // अह ईसाणे कप्पे विसयपसत्तस्स सुरवरिंदस्स। ईसाणस्स वि दिव्वं सहसा सीहासणं चलियं // 189 // ओहिविसओवउत्ता जाते दट्टण जिणवरे तो ते। . पचलियकुंडलमउला आसणरयणं पमोच्छी य .. // 190 // अह सत्तऽट्ठपयाई अणुगच्छित्ताण जिणवरे वरदे / अंचंति वामजाणुं इयरं भूमीए नीहट्टं . // 191 //