________________ // 84 // // 85 // // 86 // // 87 // / / 88 // // 89 // जं जस्स आउयं खलु तं दसभाए समं विभइऊणं / मज्झिलट्ठतिभाए कुलगरकालं वियाणाहि . पढमो य कुमारते भागो चरिमो यं वुड्ढभावम्मि। ते पयणुपेज्ज-दोसा सव्वे देवेसु उववण्णा ... दो चेव सुवण्णेसुं, उदहिकुमारेसु होंति दो चेव। दो दीवकुमारेसुं, एगो नागेसु उववण्णो हत्थी छ-ब्वित्थीओ नागकुमारेसु हुंति उववण्णा। एगा सिद्धि पत्ता मरुदेवी नाभिणो पत्ती हक्कारे मक्कारे धिक्कारे चेव दंडनीईओ। वोच्छं तासि विसेसं जहक्कम आणुपुव्वीए पढम-बीयाण पढमा, तइय-चउत्थाण अहिणवा बीया / पंचम-छट्ठस्स य सत्तमस्स तइया अभिणवा उ . एवं चिय वत्तव्वा एरवयाईसु दससु खेत्तेसुं। एक्केक्कम्मि य तइया सत्तेव कुलगरा कमसो सव्वे विमाणपवरे अणुत्तरे भुंजिऊण से(?ते) भोए / सव्वट्ठसिद्धिनामे उदहिसमाणाई तेत्तीसं ओसप्पिणीइमीसे तइयाए समाए पच्छिमे भागे। चइऊण विमाणाओ उत्तरसाढाहिं नक्खत्ते / कुलगरवंसपसूओ आसी इक्खागवंससंभूओ। नाभीनामकुलगरो पवरो तेसिं नरगणाणं तस्साणुरूवसीला सव्वंगोवंगलक्खणपसत्था। उत्तमरूवसुरूवा जाया मरुदेविनाम त्ति तीए उदरम्मि तो सो तिनाणसहिओ महायसो भयवं। गब्भत्ता उववन्नो पढमीसो भरहवासस्स // 90 // // 91 // // 92 // // 93 // // 94 // // 95 // 4