________________ // 77 // पुव्वभव-जम्म-नाम पमाण-संघयणमेव संठाणं / वण्णिस्थि-आउ-भागां भवणोवाओ य नीति य // 72 // अवरविदेहे दो वणियवयंसी माइ-उज्जुए चेव / कालगया इह भरहे हत्थी मणुओ य आयाया // 73 // दटुं सिणेहकरणं गयमारुहणं च नामनिप्फत्ती। परिहाणि गेहि कलहो सामत्थण विण्णवण ह त्ति // 74 // पढमेत्थ विमलवाहण 1 चक्खुम 2 जसभं 3 चउत्थमभिचंदे 4 / तत्तो य पसेणइए 5 मरुदेवे 6 चेव नाभी 7 य // 75 // नवधणुसयाइं पढमो 1 अट्ठ 2 य सत्त 3 ऽद्धसत्तमाई 4 च / छ 5 च्चेव अद्धछट्ठा 6 पंचसया पण्णवीसा य 7 // 76 // वज्जरिसभसंघयणा समचउरंसा य हुंति संठाणे। वण्णं पि य वोच्छामि पत्तेयं जस्स जं आसि चक्खुम जसमं च पसेणई य एते पियंगुवण्णाभा। . अभिचंदो ससिगोरो, निम्मलकणगप्पभा सेसा . // 78 // चंदजस 1 चंदकंता 2 सुरूव 3 पडिरूव 4 चक्खुकंता 5 य। सिरिकंता 6 मरुदेवी 7 कुलगरपत्तीण नामाई // 79 // संघयणं संठाणं उच्चत्तं चेव कुलगरेहि समं। वण्णेण एगवण्णा सव्वाओ पियंगुवण्णाओ. // 80 // पलिओवमदसभाओ पढमस्साउं तओ असंखेना। ते आणुपुविहीणा पुव्वा नाभिस्स संखेज़्जा // 81 // पुव्वस्स उ परिमाणं सयरिं खलु होति कोडिलक्खा उ। छप्पन्नं च सहस्सा बोधव्वा वासकोडीणं // 82 // जं चेव आउगं कुलगराण तं चेव होइ तासि पि। जं पढमगस्स आउं तावइयं होइ हत्थिस्स // 83 // 93