________________ पासाय-जाल-हम्मिय-ओवणिम-सगब्भ-जालविहिघरया / मणि-रयणभत्तिचित्ता रयणुज्जलपायडसिरीया.. // 60 // दोगाउयउव्विद्धा ते पुरिसा, ता य होंति महिलाओ। ... दोन्नि पलिओवमाइं परमाउं तेसि बोधव्वं ... // 61 // एसा उवभोगविही सुसमाए हवइ पुरिस-महिलाणं / / एक्कक्कपलिय-गाउयपरिहीणं आउ-उच्चत्तं .. // 62 // हेमवएस्नवया दस खेत्त हवंति भरहखेत्तसमा / सुसमदूसमकाले आसी तइए य अगम्मि // 3 // जो अणुभावो सुसमाए होइ सो सुसमदूसमाए वि। . ... दो दो य पलिय-गाउयपरिहीणं आउ-उच्चत्तं // 64 // पलिओवमलेहद्धं परमाउं होइ तेसि मणुयाणं / तइयाए उक्कस्सं, अवसाणे पुव्वकोडीओ . // 65 // ओसहि-बल-विरिय-परक्कमा य संघयण-पज्जवगुणा य। . अणुसमयं हायंती उवभोगसुहाणि य नराणं // 66 // मूल-फल-कंद-निम्मलनाणाविहइट्टगंध-रसभोगी। ववगयरोगायंका सुरूव सुरदुंदुभि(भी)थणिया // 67 // सच्छंदवणवियारी ते पुरिसा, ता य होंति महिलाओ। निच्चोउगपुष्फ-फला ते वि य रुक्खा गुणसहीणा // 68 // नाणामणि-रयणमया तेसिं सयणाऽऽसणाई रुक्खेसु / नर-नारिगणो मुइओ सुहवसही तत्थ समुवेइ ओसप्पिणीइमीए तइयाए समाए पच्छिमे भाए। पलिओवमट्ठभागे सेसम्मि उ कुलगरुप्पत्ती अड्डभरहमज्झिल्लतिभागे गंग-सिंधुमज्झम्मि। .. एत्थ बहुमज्झदेसे उप्पन्ना कुलगरा सत्त . // 71 // // 69 // // 70 //