________________ // 1 // // 2 // // 3 // // 4 // ॥तित्थोगालिपइन्नयं // जयइ ससिपायनिम्मलतिहुशणवित्थिण्णपुण्णजसकुसुमो / उसभो केवलदंसणदिवायरो दिट्ठट्ठव्वो बावीसइं च निज्जियपरीसहकसायविग्घसंघाया। अजियाईया भवियारविंदरविणो जयंति जिणा जयई सिद्धत्थनरिंदविमलकुलनहयल[म्मि व] मियंको। महिपाल-ससि-महोरग-महिंदमहिओ महावीरो नमिऊण समणसंघं सुनायपरमत्थपायडं वियडं। वोच्छं निच्छययत्थं तित्थोगालीए संखेवं रायगिहे गुणसिलए भणिया वीरेण गणहराणं तु / पयसयसहस्समेगं वित्थरओ लोगनाहेणं अइसंखेवं मोत्तुं, मोत्तूण पवित्थरं अहं भणिमो। अप्पक्खरं महत्थं जह भणियं लोगनाहेणं कालो उ अणाईओ पवाहरूवेण होइ नायव्वो। निहणविहूणो सो च्चिय बारसअरगेहिं निद्दिट्ठो दव्वट्ठयाए निच्चो, होइ अणिच्चो य नयमए बीए / एगंतो मिच्छत्तं, जिणाण आणा अणेयंतो' ओसप्पिणी य उस्सप्पिणी य भरहे तहेव एरवए / ' परियत्तंति कमेणं, सेसेसु अवट्ठिओ कालो ओसप्पिणीपमाणं भणंति लोगुत्तमा विगयमोहा / सव्वण्णुजिणवरिंदा समासओ तं निसामेह जोयणवित्थिण्णो खलु पल्लो एगाहियप्परूढाणं / भरिओ असंखखंडियकयाण वालग्गकोडीणं // 6 // // 7 // // 8 // // 9 // // 10 // 57.