________________ सग्गत्थिणा निरुत्तं सुव्वइ धम्मो जिणेहिं निद्दिट्टो / सग्गं वा जं न लहे जिणवयणं जो न सद्दहइ // 108 // जीवे जिणपत्ते असद्दहंतो य जो तवं चरइ। .. सो अन्नाणी मूढो, कायकिलेसो, न से हु तवो .. // 109 // परमत्थो नाणाई न नज्जई लद्धयं तु तं नाणं / .. लद्धं जं संविज्जइ तह नज्जइ नाणओ सव्वं // 110 // नाणायत्ता किरिया, किरियायत्ता य दंसणविसोही / नाणं जिणोवइ8 मुक्खंगे साहगं हवइ // 111 // एयं तं नाणवरं वच्चइ मुक्खम्मि जेण लद्धेण / सेसाई कुनाणाई मुक्खपहं ताई नासंति // 112 // आभट्ठो य न देई हरइ मुहं अन्नओ पलोएइ / खीणम्मि भंडमुल्ले किं करिही अन्नजम्मम्मि // 113 // सित्तुजम्मि चडंतो दोणं जो देइ इच्छियं पुरिसो / एयारिसो य लोए दाणवई दुलहो होइ . // 114 // पढमो जो य मणुस्सो संसारे दक्खिओ दरिदो य / / बीओ य सया सुहिओ माणुसजम्मे य सग्गे य // 115 // मा हवउ तस्स पावं सारावलिपुत्थयं लिहंतस्स / लहउ य जसो य कित्ती अइरेणं साहुसक्कारं // 116 //