________________ // 48 // // 49 // // 50 // // 51 // // 52 // // 53 // देवेहि इमं घुटुं जणाण परिसागयाण भवियाणं / पुण्णो एस नगवरो नामेणं पुंडरीओ त्ति सेयट्ठीणं पुज्जो सिद्धि पत्ताण केवलीणं तु / उच्छूढा खीरोदे तेण सुराणं तु सेत्तुंजो नमि-विनमी वेयड्डे विज्जाहरचक्कवट्टिनरवइणो / सिद्धिगया सेत्तुंजे केवलिणो दोहिं कोडीहिं इक्खागवंससंभवभरहो रामो य दसरहसुया य / उप्पन्ननाणविहवा पुंडरिए सिद्धिसंपत्ता पज्जुन्न-संबसहिया अद्भुट्ठाओ कुमारकोडीओ / पुंडरिए सिद्धिगया केवलनाणे समुप्पने. पंडुसुया पंच जणा दविडनरिंदाण पंच कोडीओ / सिद्धिगया सेत्तुंजे होऊणं केवली सव्वे अज्ज वि दीसइ लोए भत्तं चइऊण पुंडरीयनगे। . सग्गे सुहेण वच्चइ सीलविहूणो वि होऊणं . तेवीसं तित्थयरा समोसढा इंद-चक्किपरिवारा / तेण य पयडं तित्थं भरहद्धे पुंडरीयं तु . बंभण-खत्तिय-वइसा सुद्दा विण्णाणबाहिर जे वि / तित्थफलं पावंति य निवसंता ते वि सित्तुंजे . जं लहइ अन्नतित्थे उग्गेण तवेण बंभचेरेणं / . तं लहइ पयत्तेणं सेत्तुंजगिरिम्मि संपत्तो जं कोडीए पुण्णं कामियआहारभोइयाए य / तं लहइ तित्थपुण्णं एकोवासेण सेत्तुंजे गावी-सुवण्णदाणे भूमीदाणे य जं भवे पुण्णं / तं लहइ पयत्तेणं पूयाकरणेण सेत्तुंजे . 51 // 54 // // 55 // // 56 // // 57 // // 58 // // 59 //