________________ तिरियत्तणम्मि बहुसो पत्ताओ तुमे अणेगवियणाओ / ता ताई संभरंतो विसहेज्जसु वेयणं एवं // 21 // नरयम्मि वि जीव ! तुमे नांणादुक्खाई जाइं सहियाई / इण्डिं ताइं सरेत्तुं विसहेज्जसु वेयणं एवं // 22 // एसो(? एवं) सुहपरिणामो चाणक्को पयहिऊण नियदेहं / उववन्नो सुरलोए, पच्चक्खायं मए सव्वं / // 23 // जाव न मुंचामि लहुं पाणेहिं एत्थ जाव संदेहो / ताव इमं जिणवयणं सरामि सोमं मणं काउं // 24 // तम्हा पुरिसेण सया अप्पहियं चेव होइ कायव्वं / मरणम्मि समावने संपइ सुमरामि अरहते // 25 // नमो अरहंताणं, सिद्धाण नमो य सुहसमिद्धाणं / . आयरियउवझायाणं नमो, नमो सव्वसाहूणं . // 26 // हिंसा-ऽलिय-चोरिक्के मेहुण्ण परिग्गहे य निसिभत्ते / पच्चक्खामि य मरणे विविहं आहार-पाणाणं . // 27 // परमत्थो तं न सरिमो संथारो नेय फासुया भूमी / हिययं जस्स विसुद्धं तस्सेव य होइ संथारो // 28 // एको जायइ जीवो, मरई उप्पज्जए तहा एक्को / संसारे भमइ एक्को, एक्को च्चिय पावई सिद्धि . // 29 // नाणम्मि दंसणम्मि य तहा चरित्तम्मि सासओ अप्पा / अवसेसा दुब्भावा वोसिरिया ते मए सव्वे // 30 // जे मे जाणंति जिणा अवराहा तेसु तेसु ठाणेसु / ते हं आलोएमि उवट्ठिओ सव्वभावेणं // 31 // छउमत्थो मूढमणो केत्तियमेत्तं च संभरइ जीवो / जं न वि सुमरेमि अहं मिच्छा मिह दुक्कडं तस्स // 32 // 43