________________ जे केइ देवदूसे दिव्वं मे (?) दिव्वदेवसरिसिल्ले / मुत्तूण तुमं तइया संपइ मा सुमर कंथइयं वररयणनिम्मियं पिव कणयमयं कुसुमरेणुसुकुमालं / चइऊण तत्थ देहं कुण जरदेहम्मि मा मुच्छं / . . 10 // देहं असुइ दुगंधं भरियं पुण पित्त-सुक्क-रुहिराणं / रे जीव ! इमस्स तुमं मा उवरिं कुणसु पडिबंधं // 11 // मा कुणसु तं नियाणं सग्गे किर एरिसीओ रिद्धीओ। मा चिंतेहिं सुपुरिस ! होइ सया नेव जं जोगं (?) // 12 // पुन्नं पावं च दुवे वच्चइ जीवेण. णवरि सह एयं / जं पुण इमं सरीरं कत्तो तं चलइ ठाणाओ ? // 13 // मा मे छुहा भविस्सइ इमस्स देहस्स संबलं वूढं / तेणं चिय देह ! तुम खल !' गहिओ किं न सुकएणं ? // 14 // मा मे तण्हा होही मरुत्थलीसुं पि पाणियं वूढं / तेणं चिय देह ! तुम खल ! गहिओ किं न सुकएणं ? // 15 // मा मे उण्हं होही इमस्स देहस्स छत्तयं धरियं / तेणं चिय देह ! तुमं खल ! गहिओ किं न सुकएणं ? // 16 // मा मे सीयं होही पावरियं वत्थ-कंबलसएहिं / वच्चंते पुण जीवे खलस्स कंथं पि नो चलियं // 17 // बहुलालियस्स बहुपालियस्स तह सुरहिगंध-मल्लस्स / खल देह ! तुज्झ जुत्तं पयं पि नो देसि गंतव्वे // 18 // सारीर-माणसेहिं दुक्खेहिं अभिहुयम्मि संसारे / . सुलहमिणं जं दुक्खं, दुलहा सद्धम्मपडिवत्ती // 19 // धन्नो हं जेण मए अणोरपारम्मि भवसमुद्दम्मि / नटुं(? लद्धं) जिणिंदपोयं जं दुलभं भवसएहिं पि // 20 // 42