________________ // 42 // बुद्धं अवगयमेगट्ठियं ति, जीवाइतत्तसविसेसं / वरविमलकेवलाओ, तेणं तुम भण्णसे बुद्धो इय नामावलिसंथुय ! सिरिवीरजिणिंद ! मंदपुण्णस्स / वियर करुणाइ जिणवर ! सिवपयमणहं थिरं वीर // 43 // // 3 = // आउरपच्चक्खाणं // [2] . (गा. 1 उखुग्घाओ) कुससत्थरे निसन्नो भावेण निहित्तनमियकरकमलो / आउरपच्चक्खाणं एरिसयं नवरि जंपतो . // 1 // सव्वं पाणारंभं अलीयवयणं अदत्तदाणं च / राईभोयणविरई [अ]ब्बंभ-परिग्गहाओ य . // 2 // सयणेसु परजणेसु य पुत्त-कलत्तेसु परजणे चेव / . स-परजणम्मि ममत्तं पच्चक्खायं मए सव्वं नरयम्मि वि नेरइया, तिरिया तिरियत्तणम्मि जे केइ / दुक्खेण मए ठविया मिच्छा मिह दुक्कडं तस्स देवत्तणम्मि देवा, मणुया मणुयत्तणम्मि जे केइ / दुक्खेण मए ठविया मिच्छा मिह ढुक्कडं तस्स . // 5 // देवत्तणम्मि बहुसो रणंतरसणाओ गुरुनियंबाओ / मुक्काओ अच्छराओ, मा रज्जसु असुइनारीसु वज्जेंदनील-मरगयसमप्पहं सासयं वरं भवणं / मुक्कं सग्गम्मि तए; वोसिर जरकडणिकयमेयं // 7 // नाणामणि-मोत्तियसंकुलाओ आबद्धइंदधणुयाओ / रयणाणं रासीओ मोत्तुं मा रएज्ज विभवेसु // 8 // 41 // 4 // = =