________________ जेण जिया अट्ठ मया गुत्तो चिय नवहिं बंभगुत्तीहि / आउत्तो दसकज्जे सो मरणे होइ कयजोगो // 138 // आसायणाविरहिओ आराहिंतो सुदुल्लहं मोक्खं / / सुक्कज्झाणाभिमुहो सो मरणे होइ कयजोगो // 139 // जो विसहइ बावीसं परीसहा, दुस्सहा उवस्सग्गा / सुन्ने व आउले वा सो मरणे होइ कयजोगो // 140 // धन्नाणं तु कसाया जगडिज्जंता वि परकसाएहिं / निच्छंति समुद्रुउं सुनिविट्ठो पंगुलो चेव // 141 // सामण्णमणुचरंतस्स कसाया जस्स उक्कडा होति / मन्नामि उच्छुपुप्फ व निप्फलं तस्स सामण्णं // 142 // जं अज्जियं चरित्तं देसूणाए वि पुव्वकोडीए / . . तं पि कसाइयमेत्तो नासेइ नरो मुहुत्तेण // 143 // जं अज्जियं य कम्मं अणंतकालं पमायदोसेणं / . तं निहयराग-दोसो खवेइ पुव्वाण कोडीए . // 144 // जइ उवसंतकसाओ लहइ अणंतं पुणो वि पडिवायं / / किह सक्का वीससिउं थोवे वि कसायसेसम्मि ? // 145 // खीणेसु जाण खेमं, जियं जिएसु, अभयं अभिहएसु / नढेसु याविणटुं सोक्खं च जओ कसायाणं . // 146 // धन्ना निच्चमग़गा जिणवयणरया नियत्तियकसाया.। निस्संगनिम्ममत्ता विहरंति जहिच्छिया साहू // 147 // धन्ना अविरहियगुणा विहरंती मोक्खमग्गमल्लीणा / इह य परत्थ य लोए जीविय-मरणे अपडिबद्धा // 148 // मिच्छत्तं वमिऊणं सम्मत्तम्मि धणियं अहीगारो / कायव्वो बुद्धिमया मरणसमुग्घायकालम्मि // 149 // 31