________________ न चएइ किंचि काउं पुब्बिं सुकयपरिकम्मबलियस्स / खोहं परीसहचमू धीबलविणिवारिया मरणे . // 126 // पुर्वि कारियजोगो अणियाणो ईहिऊणमइकुसलो / . . सव्वत्थ अपडिबद्धो सकज्जजोगं समाणेइ // 127 // उप्पीलिया सरासण गहियाउहचावनिच्छियमईओ। विधइ चंदगवेज्झं झायंतो अप्पणो सिक्खं // 128 // जइ वि करेइ पमायं थेवं पि य अन्नचित्तदोसेणं / तह वि य कयसंधाणो चंदगवेझं न विधेइ // 129 // तम्हा चंदगवेज्झस्स कारणा अप्पमाइणा निच्चं / अविरहियगुणो अप्पा कायव्वो मोक्खमग्गम्मि // 130 // सम्मत्तलद्धबुद्धिस्स चरिमसमयम्मि वट्टमाणस्स। आलोइय-निंदिय-गरहियस्स मरणं हवइ सुद्धं // 131 // जे मे जाणंति जिणा अवराहे नाण-दंसण-चरित्ते / ते सव्वे आलोए उवट्ठिओ सव्वभावेणं // 132 // जो दोन्नि जीवसहिया रुंभइ संसारबंधणा पावा।। रागं दोसं च तहा सो मरणे होइ कयजोगो // 133 // जो तिण्णि जीवसहिया दंडा मण-वयण-कायगुत्तीओ। नाणंकुसेण गिण्हइ सो मरणे होइ कयजोगो // 134 // जो चत्तारि कसाए घोरे ससरीरसंभवे निच्वं / जिणगरहिए निरंभइ सो मरणे होइ कयजोगो // 135 // जो पंच इंदियाइं सन्नाणी विसयसंपलित्ताई / नाणंकुसेण गिण्हइ सो मरणे होइ कयजोगो // 136 // छज्जीवकायहियओ सत्तभयट्ठाणविरहिओ साहू / . एगंतमद्दवमओ सो मरणे होइ कयजोगो . // 137 // 30