________________ अविरहिया जस्स मई पंचहि समिईहिं तिहिं वि गुत्तीहि / न य कुणइ राग-दोसे तस्स चरितं हवइ सुद्धं // 114 // तम्हा तेसु पवत्तह कज्जेसु य उज्जमं पयत्तेणं / सम्मत्तम्मि चरिते नाणम्मि य मा पमाएह // 115 // चरणस्स गुणविसेसा एए मए वण्णिया समासेणं / मरणस्स गुणविसेसा अवहियहियया निसामेह जह व अनियमियतुरगे अयाणमाणो नरो समारूढो / इच्छेज्ज पराणीयं अइगंतुं जो अकयजोगो 117 // सो पुरिसो सो तुरगो पुब्विं अनियमियकरणजोएणं / दद्रुण पराणीयं भज्जंती दो वि संगामे // 118 // एवमकारिजोगो पुरिसो मरणे उवट्ठिए संते / न भवइ परीसहसहो अंगेसु परीसहनिवाए // 119 // पुदि कारियजोगो समाहिकामो य मरणकालम्मि / भवइ य परीसहसहो विसयसुहनिवारिओ अप्पा. // 120 // पुव्विं कयपरिकम्मो पुरिसो मरणे उवट्ठिए संते / छिदइ परीसहमिणं निच्छयपरसुप्पहारेणं // 121 // बाहिति इंदियाई पुव्वमकारियपइन्नचारिस्स।.. अकयपरिकम्म जीवो मुज्झइ. आराहणाकाले // 122 // आगमसंजुत्तस्स वि इंदियरसलोलुयं पइट्ठस्स.। जइ वि मरणे समाही हवेज्ज, न वि होज्ज बहुयाणं // 123 // असमत्तसुओ वि मुणी पुब्बिं सुकयपरिकम्मपरिहत्थो / संजम-मरणपइन्नं सुहमव्वहिओ समाणेइ // 124 // इंदियसुहसाउलओ घोरपरीसहपरख्वसविउत्तो / अकयपरिकम्म कीवो मुज्झइ आराहणाकाले // 125 // . 20