________________ = = परमत्थगहियसारा बंधं मोक्खं च ते वियाणंता। नाऊण बंध-मोक्खं खवेंति पोराणयं कम्मं // 78 / / नाणेण होइ करणं, करणं नाणेणं फासियं होइ / ... दोण्हं पि समाओगे होइ विसोही चरित्तस्स // 79 // नाणं पगासगं, सोहओ तवो, संजमो य गुत्तिकरो। तिण्हं पि समाओगे मोक्खो जिणसासणे भणिओ // 80 // किं एत्तो लट्ठयरं अच्छेरतरं च सुंदरतरं च ? / चंदमिव सव्वलोगा बहुस्सुयमुहं पलोएंति // 81 // चंदाओ नीइ जोण्हा बहुस्सुयमुहाओ. नीइ जिणवयणं / जं सोऊण मणूसा तरंति संसारकंतारं // 82 // सूई जहा ससुत्ता न नस्सई कयवरम्मि पडिया वि। जीवो तहा ससुत्तो न नस्सइ गओ वि संसारे .. // 83 // सूई जहा असुत्ता नासइ सुत्ते अदिस्समाणम्मि / जीवो तहा असुत्तो नासइ मिच्छत्तसंजुत्तो // 84 // परमत्थम्मि सुदिढे अविणढेसु तव-संजमगुणेसु / लब्भइ गई विसिट्ठा सरीरसारे विणढे वि // 85 // जह आगमेण वेज्जो जाणइ वाहिं चिगिच्छिउँ निउणो / तह आगमेण नाणी जाणइ सोहिं चरित्तस्स // 86 // जह आगमेण हीणो वेज्जो वाहिस्स न मुणइ तिगिच्छं / तह आगमपरिहीणो चरित्तसोहिं न याणाइ // 87 // तम्हा तित्थयरपरूवियम्मि नाणम्मि अत्थजुत्तम्मि / . उज्जोओ कायव्वो नरेण मोक्खाभिकामेण बारसविहम्मि वि तवें सर्भितर-बाहिरे जिणक्खाए / न वि अस्थि न वि य होही सज्झायसमं तबोकम्मं // 89 // = // 88 // 26.