________________ // 70 // बहुयं पि सुयमहीयं किं काही विणयविप्पहीणस्स ? / अंधस्स जह पलित्ता दीवसयसहस्सकोडी वि // 66 // विणयस्स गुणविसेसा एए मए वण्णिया समासेणं / नाणस्स गुणविसेसा ओहियकण्णा निसामेह // 67 // न हु सक्का नाउं जे नाणं जिणदेसियं महाविसयं / ते धना जे पुरिसा नाणी य चरितमंता य . // 68 // सक्का सुएण गाउं उड्डं च अहं च तिरियलोयं च / ससुराऽसुरं समणुयं सगरुल-भुयगं सगंधव्वं // 69 // जाणंति बंध-मोक्खं जीवाऽजीवे य पुण्ण-पावे य / आसव संवर निज्जर तो किर नाणं चरणहेउं नायाणं दोसाणं विवज्जणा, सेवणा गुणाणं च / धम्मस्स साहणाई दोन्नि वि किर नाणसिद्धाइं // 71 // नाणी वि अवस॒तो गुणेसु, दोसे य ते अवज्जिंतो / दोसाणं च न मुच्चइ तेसिं न वि ते गुणे लहइ // 72 // नाणेण विणा करणं, करणेण विणा न तारयं नाणं / भवसंसारसमुदं नाणी करणट्ठिओ तरइ // 73 // अस्संजमेण बद्ध अन्नाणेण य भवेहिं बहुएहिं / / कम्ममलं सुभमसुभं करणेण दढो धुणइ नाणी // 74 // सत्थेण विणा जोहो, जोहेण विणा य जारिसं सत्थं / नाणेण विणा करणं, करणेण विणा तहा नाणं // 75 // नादंसणिस्स नाणं, न वि अन्नाणिस्स होंति करणगुणा / अगुणस्स नत्थि मोक्खो, नत्थि अमुत्तस्स नेव्वाणं // 76 // जं नाणं तं करणं, जं करणं पवयणस्स सो सारो। जो पवयणस्स सारो सो परमत्थो त्ति नायव्वो // 77 // . 25