________________ मेहा होज्ज न होज्ज व, जं मेहा उवसमेण कम्माणं / उज्जोओ कायव्वो नाणं अभिकंखमाणेणं // 90 // कम्ममसंखेज्जभवं खवेइ अणुसमयमेव आउत्तो / बहुभवसंचिययं पि हु सज्झाएणं खणे खवइ // 91 // सतिरिय-सुराऽसुर-नरो सकिन्नर-महोरगो सगंधव्वो / सव्वो छउमत्थजणो पडिपुच्छइ केवलि लोए // 92 // एकम्मि वि जम्मि पए संवेगं वच्चए नरोऽभिक्खं / तं तस्स होइ नाणं जेण विरागत्तणमुवेइ // 93 // एक्कम्मि वि जम्मि पए संवेगं वीयरागमग्गम्मि / वच्चइ नरो अभिक्खं तं मरणंते न मोत्तव्वं // 94 // एकम्मि वि जम्मि पए संवेगं कुणइ वीयरायमए / सो तेण मोहजालं खवेइ अज्झप्पजोगेणं . // 95 // न हु मरणम्मि उवग्गे सक्का बारसविहो सुयक्खंधो। . सव्वो अणुचिंतेउं धणियं पि समत्थचित्तेणं // 96 // तम्हा एकं पि पयं चिंतंतो तम्मि देस-कालम्मि / आराहणोवउत्तो जिणेहिं आराहगो भणिओ. // 97 // आराहणोवउत्तो सम्म काऊण सुविहिओ कालं / उक्कोसं तिण्णि भवे गंतूण लभेज्ज निव्वाणं // 98 // नाणस्स गुणविसेसा केइ मए वण्णिया समासेणं / चरणस्स गुणविसेसा ओहियहियया निसामेह // 99 // ते धन्ना जे धम्मं चरिउं जिणदेसियं पयत्तेणं / गिहपासबंधणाओ उम्मुक्का सव्वभावेणं // 100 // भावेण अणन्नमणा जे जिणवयणं सया अणुचरंति / ते मरणम्मि उवग्गे न विसीयंती गुणसमिद्धा // 101 // .. . 27