________________ तह जो जीवो सम्मं पडिवज्जित्ता महव्वए पंच। .. पालेइ निरइयारे पमायलेसंपि वज्जेंतो 7 / 9 / 21 सो अप्पहिएक्करई इहलोयम्मि वि विऊहिं पणयपओ / एगंतसुही जायइ परम्मि मोक्खं पि पावेइ 710 / 22 जह रोहिणी उ सुण्हा रोवियसाली जहत्थमभिहाणा / वड्डित्ता सालिकणे, पत्ता सव्वस्ससामित्तं . 711 / 23 तह जो भव्वो पाविय वयाई पालेइ अप्पणा सम्मं / अन्नेसि वि भव्वाणं देइ अणेगेसि हियहेउं 7 / 12 / 24 सो इह संघपहाणो जुगप्पहाणे त्ति लहइ संसदं / अप्पपरेसि कल्लाणकारओ गोयमपहु व्व 7 / 13 / 25 तित्थस्स वुड्डिकारी अक्खेवणओ कुतित्थियाईणं / विउसनरसेवियकमो कमेण सिद्धि पि पावेइ . .. 714 / 26 उग्गतवसंजमवओ पगिट्ठफलसाहगस्स वि जियस्स / धम्मविसए वि सुहुमा वि होइ माया अणत्थाय 8 / 1 / 27 जह मल्लिस्स महाबलभवम्मि तित्थयरनामबंधे वि / तवविसय थेवमाया जाया जुवइत्तहेउ त्ति 8 / 2 / 28 जह रयणदीवदेवी तह एत्थं अविरई महापावा। जह लाहत्थी वणिया तह सुहकामा इहं जीवा 9 / 1 / 29 जह तेहिं भीएहि दिट्ठो आघायमंडले पुरिसो / संसारदुक्खभीया पासंति तहेव धम्मकहं 9 / 2 / 30 जह तेण तेसि कहिया देवी दुक्खाण कारणं घोरं / तत्तो च्चिय नित्थारो सेलगजक्खाओ नन्नत्तो / 9 / 3 / 31 तह धम्मकही भव्वाण साहए दिट्ठअविरइसहावो / सयलदुहहेउभूओ विसया विरयंति जीवाणं 9 / 4 / 32 252