________________ 9 / 5 / 33 9 / 6 / 34 9 / 7 / 35 9 / 8 / 36 9 / 9 / 37 10 / 1 / 38 सत्ताणं दुहत्ताणं सरणं चरणं जिणिंदपन्नत्तं / आणंदरूवनिव्वाणसाहणं तहय देसेइ जह तेसि तरियव्वो रुद्दसमुद्दों तहेव संसारो / जह तेसि सगिहगमणं निव्वाणगमो तहा एत्थं जह सेलगपिट्ठाओ भट्ठो देवीइ मोहियमईओ / सावयसहस्सपउरम्मि सायरे पाविओ निहणं तह अविरईइ नडिओ चरणचुओ दुक्खसावयाइण्णे / निवडइ अपारसंसारसायरे दारुणसरूवे जह देवीए अक्खाहो पत्तो सट्ठाण जीवियसुहाई / तह चरणट्ठिओ साहू अक्खोहो जाइ निव्वाणं चंदो व्व कालपक्खे परिहाई पए पए पमायपरो / तह उग्घरविग्घरनिरंगणो वि न य इच्छियं लहइ जह चंदो तह साहू राहुवरोहो जहा तह पमाओ / वण्णाई गुणगणो जह तहा खमाई समणधम्मो . पुण्णो वि पइदिणं जह हायंतो सव्वहा ससी नस्से। तह पुण्णचरित्तोऽविहु कुसीलसंसग्गिमाईहिं जणियपमाओ साहू हायंतो पइदिणं खमाईहिं। . जायइ नट्ठचरित्तो तत्तो दुक्खाई पावेई हीणगुणोविहु होउं सुहगुरुजोगाइजणियसंवेगो। , पुण्णसरूवो जायइ विवड्डमाणो ससहरो व्व जह दावद्दवतरुवणमेवं साहू जहेव दीविच्चा / वाया तह समणाइयसपक्खवयणाई दुसहाई जह सामुद्दयवाया तहऽण्णतित्थाइकडुयवयणाई / कुसुमाइसंपया जह सिवमग्गाराहणा तह उ . . . 253 10 / 2 / 39 10 / 3 / 40 10 / 4 / 41 105 / 42 11 / 1 / 43 11 / 2 / 44