________________ // 2 // तित्थे 8, लिंग 9, सरीरे 10, खेत्ते 11, काल 12, गइ 13, संजय 14, निगासे 15 - // 2 // जोगुवओग 16-17, कसाए 18, लेसा 19, परिणाम२०, बंध 21, वेए य 22 / कम्मोदीरण 23, उवसंपजहण 24, सन्ना य 25, आहारे 26 // 3 // भव 27, आगरिसे 28, कालंतरे 29-30, समुग्घाय 31, खेत्त 32, फुसणा 33 य। भावे 34, परिमाणे 35, खलु अप्पाबहु 36, संजयाणमिमे . . . . // 4 // तवसंजमजोगेसुं, सम्मजया तेउ संजया वुत्ता। विसयकसायाईणं, जेहिं कओ वा वि सम्मजओ // 5 // संजय-जय-जइ-मुणि-रिसि,-तवस्सि-वइ-समण-साहु-निग्गंथा। अणगार-भिक्खुपमुहा, एएसि जहत्थ पज्जाया सामाइय 1 छेओवट्ठावण 2, परिहारसुद्धि 3 नामो य। तो सुहुमसंपराओ 4, अहक्खाओ पंचमो 5 चेव सावज्जजोगपरिवज्जणाओ, समआयओ य सामईओ। सो इत्थभवे दुविहो, इत्तरिओ आवकहिओ य . // 8 // इत्तर थोवं कालं, सामइओ तो पवज्जए छेयं / पढमंतिमजिणतित्थे, इत्तर सामाइओ सो उ // 9 // जावज्जीवं मज्झिम-जिणाण तित्थे महाविदेहे य। . चाउज्जामं धम्म, फासइ सो आवकहिओ उ // 10 // सामाइयम्मि उ कए, चाउज्जामं अणुत्तरं धम्मं / / तिविहेण फासयंतो, सामाइयसंजओ स खलु // 11 // 224 . // 7 //