________________ // 99 // // 100 // // 101 // // 102 // पडिवज्जंत पुलाया इक्काइ जाव सयपुहुत्तं ति / पडिवना जइ हुंति, सहस्सपहुत्तंत एगाइ सेविबउसा पवज्जंतगा य, इकाइ जा सयपुहुत्तं / पडिवनगा जहन्नग, इयर कोडीसयपुहुत्तं सकसाया इक्काइ, सहस्सपुहुत्तं सिया पवज्जंता / कोडीसहस्सपुहुत्तं, उक्कोस जहन्नग पवना पडिवज्जंतनियंठा इक्काइ जा सयं तु बासटुं / अट्ठसयं खवगाणं, उवसमगाणं तु चउवन्ना पुव्वपवना जइ ते, इक्काई हुंति जा सयपुहुत्तं / व्हाया उ पवज्जंता, अट्ठसयं जाव समयम्मि पुवपवनसिणाया कोडिपुहुत्ते जहन्नया हुंति / उक्कोस चेवं चिय, परिमाणमिमेसि एवं तु . निग्गंथपुलयण्हाया, बउसा-पडिसेवगा-कसाइल्ला / थोवा संखिज्जगुणा, जहुत्तरं ते विणिद्दिट्ठा . भगवइपणवीससयस्स, छट्ठ उद्देसगस्स संगहणी। . एसा उ नियंठाणं, रइया भावत्थसरणत्थं // 103 // // 104 // // 105 // // 106 // पंडितश्रीजीवविजयजीविरचितम् ॥पञ्चसंयतप्रकरणम् // वंदित्तु वद्धमाणं, तित्थयरं भव्वजियहियट्ठाए / सामाइयाइसंजय-सरूवलेसं पवक्खामि पण्णवण 1, वेय 2, रागे 3, कप्प 4, नियंठ 5, पडिसेवणा ६,नाणे 7 / / . 223