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________________ // 87 // // 88 // // 89 // // 90 // // 91 // // 92 // नाणाभवे आगरिसा, हुंति जहन्नेण दोन्नि पंचण्हं / उक्कोसओ कमेणं, सत्त हवंति पुलायस्स सहसग्गसो उ तिण्हं, पंच नियंठस्स हायए नत्थि। अंतमुहत्तं कालो, होइ दुहा वि पुलायस्स बउसासे वि कसायी जहन्नओ समयमियरओ कोडी। समयं होइ नियंठो, अंतमुहत्तं तु उक्कोसो ण्हाओ अंतमुहुत्तं, जहन्नओ इयरओ अ पुव्वाणं। देसूणा कोडी खलु बउसाई हुंति सव्वद्धं निग्गंथा य पुलाया, इक्कं समयं जहन्नओ हुँति / उक्कोसेणं पुण ते, अन्तमुहुत्तं चिय हवंति अंतोमुहुत्तमेसिं जहन्नओ अन्तरं तु पंचण्हं / उक्कोसेण अवटुं पुग्गलपरियट्टदैसूणं हायस्स अन्तरं नो, समयं तु जहन्नओ पुलायाणं / संखिज्जगवासाई उक्कोसगमंतरं तेसिं निग्गंथाणं समयं, उक्कोसं, अन्तरं तु छम्मासा / सेसाणं तु चउण्हं नो चेव य अन्तरं अस्थि वेयणकसायमरणे तिन्नि पुलायस्स हुंति समुग्घाया / पंचासेवगबउसे, वेउव्वियतेयगेहि सह . आहारएण सहिया कसाइणो छ नियंठए नत्थि। केवलियसमुग्घाओ, इक्को वि य होइ हायस्स लोगमसंखिज्जइमे भागे पंचण्ह होइ ओगाहो। . ण्हायस्स असंखिज्जे असंखभागेसु लोए वा / एवं चेव य फुसणा चउरो भावे खओवसमयम्मि। ण्हाओ खाइयभावे, उवसमि खइयम्मि विनियंठो // 93 // // 94 // // 95 // - // 96 // // 97 // // 98 //
SR No.004465
Book TitleShastra Sandesh Mala Part 15
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2005
Total Pages348
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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