________________ एवं अन्नाणतिअं, मिच्छादिट्ठीण जलयरजीआणं / जोगुवओगो नारय व्व, संखाउअ सयलतिरियाणं // 144 // संखाउअमणुएहि, चउहिं वि देवेहिं जा सहस्सारो / उववाओ जलयराणं, परओ जीवाण पडिसेहो // 145 // अंतमुहुत्त जहन्ना, ठिईअ उक्कोस पुव्वकोडी अ / आणयसुरा य वज्जिअ, चविऊणं जंति सव्वेसु // 146 // चउगइ चउआगइआ, पत्तेअसरीरिणो असंखिज्जा / संमुच्छिम आसालिअ-वज्जिअ पुव्वं व थलचारी // 147 // गब्भयजलयरतुल्लं, दारकदंबयमिमेसिमुन्नेअं। नाणत्तं ओगाहण-ठिइउवट्टणकयं नवरं. // 148 // ओगाहणा य गाउअ-छक्कं गब्भयचउप्पयाणं च। / पलिओवमाणि तिनि अ, ठिई अ उक्कोसओ होइ // 149 // आरब्भ तुरिअपुढवी, सव्वेसु जीएसु जा सहस्सारं। उववज्जति अ गब्भय-चउप्पया काउ ठिइ चवणं . // 150 / / जोअणसहस्समुरगा, उक्किट्ठ आउ पुव्वकोडी अ।।। उव्वट्टणा य पंचम-पुढवीओ जा सहस्सारो // 151 // गाउअपुहत्त भुअगा, पुव्वाणं कोडि आउमुक्कोसं। सहसार बिअमहिअं-तरम्मि सव्वत्थ गच्छंति // 152 // जह संमुच्छिम खयरा, चउव्विहा गब्भया वि तह,खयरा / गब्भयजलयरतुल्ला, देहाइद्दारचिंतणया : // 153 // ओगाहणठिइउव्वट्टणासु परमेसि होइ नाणत्तं / उक्कोस धणुपुहत्तं, अंगुलअसंखंस लहुअतणू // 154 / / अंतोमुहुत्त लहुअं, पलिआसंखंस आउमुक्कोसं / सहसार तइअमहिअं-तरम्मि उव्वट्टणा होइ // 155 // . 177