________________ | 158 // गब्भम्मि पुव्वकोडी, तिन्नि अ पलिओवमाइं परमाउं। उरभुअग पुव्वकोडी, पलिअअसंखिज्ज भागो अ // 156 // जोअणसहस्स छगाउआउ तत्तो अ जोअणसहस्सं। . गाऊ अ पुहत्त भुअगे, धणुहपुहत्तं च पक्खीसु // 157 // अह मणुआण सरूवं, जिणगणहरभासिअं परूविज्जा / संमुच्छिमा य गब्भय-मणुआ दुविहा जिणमयम्मि अंतोमणुस्सखित्ते, अड्डाईदीववारिनिहिमज्झे / पन्नरसकम्मभूमीसु, तीसाइ अकम्मभूमीसु . // 159 // छप्पन्नाए अंतर-दीवेसुं गब्भया य जे मणुआ। तेसिं उच्चारेसुं, पासवणेसुं च खेलेसुं . // 160 // सिंघाणएसु वंतिसु, पित्तेसु च सोणिएसु सुक्केसु। तह चेव सुक्कपुग्गल-परिसाडेसु व मयगेसु .. // 161 // थीनरसंजोगेसु व, पुरनिद्धमणेसु जल्ल तह चेव / सव्वासुइठाणेसु वि, संमुच्छिममाणुसा हुंति // 162 // ओरालिअ तेजस कम्मणाणि देहाणि हुंति एएसि। अंगुलअसंखभागो, जहन्नमुक्कोसतणुमाणं // 163 // पंच य अपजत्तीओ, दिट्ठी दंसण तहा अनाणं च / जोगो उवओगो वि अ, पुढवीकाय व्व बोधव्वं // 164 // आहारो जह बेइंदिआण, नेरइअदेववायगणी। वज्जिअ असंखआऊ, उववाओ सेसजीवेहि // 165 // ठिइ उक्कोस जहन्ना, अंतमुहुत्तं पमाणओ होइ। . मरणसमुग्घाएणं, मरंति ते अन्नहा वावि // 166 // उव्वट्टिऊणणंतर-मुववज्जंते अ जीवठाणेसु। . नेरइअदेववज्जिअ, तहा असंखाउ सेसेसु . // 167 // 108