________________ // 72 // // 73 // // 74 // // 75 // // 76 // // 77 // दुविहा समासओ ति, नेअं बेइंदिअव्व देहाई / ओगाहणा य गाउअ, चसारि अ होइ उक्कोसा . फास रसणा य नासा, चक्खू-चत्तारि इंदिआई च। छम्मासुक्कोसठिई, सेसं तु तहेव बोधव्वं पंचिंदिआ य चउहा, नेरईअतिरिक्ख मणुअ देवा य / सत्तविहा नेरईआ, पुढवीभेएण पन्नत्ता पज्जत्तापज्जत्ता, वेउव्विअतेअकम्मणा काया। ओगाहणा य भवधारणिज्ज उत्तरवेउव्विआ चेव अंगुलअसंखभागो, जहन्न ओगाहणा य मूलिल्ला / पंच य धणुस्सयाई, पमाण उक्कोसओ होइ सत्तममहीइ एअं, नेरईअतणूणं होइ परिमाणं / संगहणीवित्तीओ, भावेअव्वं तु पइपुढवि . संखिज्जो भागो अंगुलस्स बीआ जहन्नओ होइ। उक्कोस धणुसहस्सं, पइपुढवि तहेव बोधव्वं छण्हं संघयणाणं, अभावओ नारया असंघयणी। अट्ठिअभावे तेसिं, पुग्गलखंधुव्व तणुबंधो जे पुग्गला अणिट्ठा, अमणुन्ना ते अ परिणया हुंति / दुविहाणि सरीराणि अ, हुंडे नेआणि संठाणे कोहो माणो माया, लोहो नेआ कसाय चउ सन्ना। . लेसा तिन्नि अ एवं, पइ पुढवि हवंति नेअव्वा काऊ अ दोसु तइआइ, मीसिआ नीलिआ चउत्थीए। पंचमिआए मीसा, कण्हा तत्तो परमकण्हा नेरइआ ते सन्नी, गब्भवकंतिएहिं जे जाया। संमुच्छिमा असन्नी, आइमपुढवीइ बोधव्वा // 78 // // 79 // // 80 // // 81 // // 82 // // 83 // . 171