________________ किं च-अस्सन्नी खलु पढम, दुच्चिं च सरीसंवा तईअ पक्खी। सीहा जंति चउत्थिं, उरगा पुण पंचमि पुढविं // 84 // छट्टि च इत्थिआओ, मच्छा मणुआ य सत्तमि पुढवि। एसो परमुववाओ, बोधव्वो नरयपुढवीसु .. // 85 // वेए नपुंसए छय, पज्जत्तीओ अ छच्च अपजत्ता। सम्मा य सम्ममिच्छा, मिच्छादिट्ठी तहा तेसिं . // 86 // चक्खू अचक्खु ओही, नारयजीवाण दंसणं तिविहं / आभिणिबोहिअ सुअ ओहि, नाणिणो एवमन्नाणी // 87 // मणवयणकायजोगी, सागारागारसहिअ उवओगो। .. कालाणि जाणि दव्वाणि, छद्दिसिं तेसिमाहारो // 88 // उववाओ असंखाऊ, वज्जिअ पज्जत्ततिरिअमणुआओ। तित्तीस य उक्कोसा, ठिई उ दसवांससहसिअरा .. // 89 // मरणसमुग्घाएणं, मरंति तह अन्नहा वि नेरईआ। उव्वट्टिऊण गच्छंति, सनिसंखाउ नरतिरिसु. // 90 // नेरइआ दोगइआ, दोआगईआ य हुंति पत्तेआ / अस्संखिज्जा एवं, नेआ नेरइअ तेवीसी // 91 // संमुच्छिमा य गब्भय, पंचिंदिअतिरिअजोणिआ दुविहा / जलयर थलयर खयरा, तिविहा संमुच्छिमा तिरिआ // 92 // पंचविहा जलचारी, मच्छा तह कच्छभा य मगरा य / गाहा य सुंसमारा, तत्थ य मच्छा अणेगविहा // 93 // जुंगमच्छ सोहमच्छा, खवल्लमच्छा य लिहिअमच्छा य / तह चिब्भडिआ मच्छा, रोहिअमच्छा य गग्गरिआ // 94 // नक्का तंडुलमच्छा, तिमिगिला वडगरा वडातिमिआ / कणिगा लंभणमच्छा, तह य पडागा अइपडागा // 95 // 172