________________ वरवरिया घोसिज्जइ किमिच्छगं दिज्जए बहुविहीयं सुरअसुर-देव-दाणव-नरिंदमहियाण निक्खमणे . // 1060 // एगा हिरण्णकोडी अद्वैव अणूणगा सयसहस्सा। ... सूरोदयमाईअं दिज्जइ जा पायरासाओ .. // 1061 // तिण्णेव य कोडिसया अट्ठासीइं च हुंति कोडीओ। असिइं च सयसहस्सा एअंसंवच्छरे दिण्णं .. // 1062 // एवं नवसु वि खेत्तेसु तित्थगरा उ संवच्छरं दाणं (?) / हत्थुत्तराहि नव वी निक्खंता खायकित्तीया // 1063 // हत्थुत्तराहि भगवं सयदारे खत्तिओ महासत्तो। वज्जरिसभसंघयणो भवियजणविबोहतो परमो - // 1064 // सारस्सय-माइच्चा वण्ही वरुणा य गद्दतोया य / तुसिता अव्वाबाहा अग्गिच्चा चेव रिहा य // 1065 // एते देवनिकाया भगवं बोहिंति जिणवरिदं तु / 'सव्वजगजीवहिययं भगवं तित्थं पवत्तेहि' // 1066 // एवं अभिथुव्वंतो बुद्धो बुद्धारविंदसरिसमुहो / लोगंतियदेवेहिं सतवारम्मि य महापउमो // 1067 // मणपरिणामो य कतो अभिणिक्खमणम्मि जिणंवरिंदेणं / देवेहि य देवीहि य समंतओ उव[?ग]यं गयणं // 1068 // भवणवइ वाणमंतर जोइसवासी विमाणवासी य। धरणियले गयणयले विज्जुज्जोओ कओ खिप्पं // 1069 // जेटुं नलिणिकुमारं रज्जे ठावित्तु तं महापउमो।। उत्तत्तकणयवण्णो मिगसिरबहुलस्स दसमीए . // 1070 // पाईणगामिणीए अभिणिविट्ठाए पोरिसिच्छाए। . विजएण मुहुत्तेणं सा उत्तरफग्गुणीजोगे . // 1071 // 146