________________ असितसिरतो सुनयणो बिंबोट्ठो धवलदंतपंतीओ। वरपउमगब्भगोरो फुल्लुप्पलगंधनीसासो // 1048 // जातीसरो उ भयवं अप्पडिवडिएहिं तिहि उ नाणेहिं / कंतीय य बुद्धीय व अब्भहितो तेहिं मणुएहिं // 1049 // अह तं अम्मा-पितरो जाणित्ता अहियअट्ठवासागं / कयकोउगऽलंकारं लेहायरियस्स उवणेति // 1050 // सक्को य तस्समक्खं भयवं वस्सा(? दब्भा)सणे निवेसित्ता / सदस्स लक्खणं पुच्छे वागरणं अवयवाइदं(?ईयं) // 1051 // अह तं अम्मा-पितरो जाणित्ता अहिगअट्ठवासागं / कयकोउगऽलंकारं रायऽभिसेगं तु काहिति // 1052 // तिहि-करणम्मि पसत्थे महंतसामंतकुलपसूयाए / कारिति पाणिगहणं जसोयवररायकण्णाए . // 1053 // भरहम्मि पढमराया हय-गय-रह-जोहसंकुलं सेण्णं / तो माणिभद्ददेवो काहीती पुण्णभद्दो य . // 1054 // जम्हा देवा सेण्णं पडियग्गंती उ पुव्वसंगइया / तो हवउ देवसेणो देवासुरपूजितो नामं // 1055 // धवलं गयं महंतं सत्तंगपइट्ठितं चउदंतं / वाहेती विमलजसो नाम तो विमलवाहणो त्ति (?) // 1056 // सो देवपरिग्गहिओ तीसं वासाई वसति गिहवासे। ' अम्मा-पितीहिं भगवं देवत्ति(? त्त)गतेहिं पव्वइतो // 1057 // संवच्छरेण होही अभिनिक्खमणं तु जिणवरिंदाणं / तो अत्थसंपयाणं पवत्तई पुव्वसूरम्मि . // 1058 / / सिंघाडग-तिग-चउक्क-चच्चर-चउमुह-महापह-पहेसु। दारेसु पुरवराणं रच्छामुहमज्झयारेसुं // 1059 // . 145