________________ जाण-विमाणारूढा अह एंति तहिं दिसाकुमारीओ।। उड्ड-महेलोगम्मि य वत्थव्वा तिरियलोगे य // 1036 // जाणविमाणपभाए रयणी आसी य सा दिवसभूया। सुरकण्णाहि समहियं दस वि य नयरे विराइत्था .. // 1037 // दससु वि वासेसेवं उप्पण्णा जिणवरा दस च्चेव। जम्मणमहो य सव्वो नेयव्वो जाव घोसणयं / ... // 1038 // अद्धनवमा य मासा वासा तिन्नेव होंति वोक्कंता। दूसमसूसमकाले तो उप्पण्णो मापउमो // 1039 // चुलसीतिसहस्साई वासा सत्तेव पंच.मासा य। .. वीर-महापउमाणं अंतरमेयं तु विनेयं // 1040 // तुट्ठाओ देवीओ देवा आणंदिया सपरिसागा। भयवम्मि महापउमे तइलोक्कसुहावहे जाते . // 1041 // जायम्मि महापउमे पउमरयणकणगवण्णवरवासं / मुंचंति देवसंघा हरिसवसुल्लसियरोमंचा // 1042 // जम्हा अम्हं नगरे जायं जम्मे इमस्स पुत्तस्स / पउमेहिं महावासं नामं से तो महापउमो // 1043 // रिद्धिस्थिमियसमिद्धं भारहवासं जिणिदकालम्मि। बहुअतिसयसंपण्णं सुरलोगनिभं गुणसमिद्धं // 1044 // गामा [य] नगरभूया, नगराणि य देवलोगसरिसाणि / रायसमा य कुडुंब , वेसमणसमा य रायाणो // 1045 // भंग-त्तासविरहितो डमरुल्लोल-भय-दंडरहितो य। . परचक्क-ईति-तक्करअ-करभरविवज्जितो लोगो // 1046 // अह वड्डति सो भगवं सुम्मतिरायस्स संगतो वीरो। दासी-दासपरिवुडो परिकिण्णो पीढमद्देहिं . // 1047 // 144