________________ सोहम्मे उववातो दुप्पसहजइस्स होइ नायव्वो। तस्स य सरीरमहिमा कीरीही लोगपालेहि // 858 // काउं मुणिस्स महिमं निययावासेसु तो गता तियसा। दससु वि वासेसेवं होही महिमा उ तित्थस्स // 859 // उववज्जिही विमाणे सागरनामम्मि सो य सोहम्मे / तत्तो य चइत्ताणं सिज्झीही नीरजो धीरो // 860 // पढमाए पुढवीए उप्पण्णो विमलवाहणो राया। सोहम्मे उववण्णं सावगमिहुणं च समणी य // 861 // वासाण सहस्सेण य इंकवीसाए इहं भरहवासे। दसवेतालियअत्थो दुप्पसहजइम्मि नासिहिती // 862 // पुव्वाए संझाए वोच्छेदो होहि धम्मचरणस्स / मज्झण्हे रातीणं अवरहे जायतेयस्स // 863 // रायाणो दंडधरा ओसहि अग्गी य संजया चेव। . चरिमदिवसावसाणे अणुसज्जिंता न होर्हिति इगवीस सहस्साई वासाणं वीरमोक्खगमणाओ। अव्वोच्छिन्नं होही आवसगं जाव तित्थं तु // 865 // इगवीस सहस्साई वासाणं वीरमोक्खगमणाओ। अणियोगदार-नंदी अव्वोच्छिना उजा तित्थं // 866 // सामाइयं च पढमं छेओवट्ठावणं भवे बीयं / / / एते दोन्नि चरित्ता होहिती जाव तित्थं तुः // 867 // जो भणति नत्थि धम्मो न च सामइयं न चेव य वयाई। . सो समणसंघबज्झो कायव्वो समणसंघेणं // 868 // जइ जिणमतं पवज्जह ता मा ववहारदसणं मुयह। .. ववहारनउच्छेदे तित्थुच्छेदो जओऽवस्सं // 869 // 120 // 864 // 18 . ..