________________ सो किर आयारधरो अपच्छिमो होहिती भरहवासे / तेण समं आयारो नस्सीहि समं चरित्तेणं // 822 // अणुओगच्छिण्णयारो(?) अह समणगणस्स दावियायारो (?रे)। आयारम्मि पणढे होहिति तइया अणायारो. ..... // 823 // चंकमिउं वरतरं(? तरयं) तिमिसगुहाए व मंधकाराए। न य तइया समणाणं आयारसुते पणट्ठम्मि . . // 824 // निज्झीणा पासंडा चोरेहि जणो विलुप्पते अहियं ! . होहिंति तया गामा केवलनामावसेसा उ ... // 825 // वीसाए सहस्सेहिं पंचहि य सतेहिं होइ वरिसाणं / / पूसे वच्छसगोत्ते वोच्छेदो उत्तरज्झाए // 826 // वीसाए सहस्सेहिं वरिससहस्सेहिं (?वरिसाण सएहिं) नवहिं वोच्छेदो। दसवेतालियसुत्तस्स दिण्णसाहुम्मि बोधव्वो // 827 // पविरलगाम-जणवदं पविरलमणुएसु नामदेसेसु / नामेण नाइलो नाम गणहरो होही(होहिइ) महप्पा // 828 // धम्मम्मि निरालोए जिणमतदुस्सद्दहम्मि लोगम्मि / पव्वावेही सीसं दुप्पसहं नाम नामेणं // 829 // सो पुण संपतिकाले कामालोएसु देवलोएसु। लोगही(?ट्ठि)ते विमाणे अच्छिति य विमाणितो देवो // 830 // सो सागरगंभीरो देवाउं सागरोवमं तस्स / तत्तो चुओ विमाणा आयाही मज्झदेसम्मि // 831 // सो दाइ अट्ठवासो दियलोयसुहं सुयं अणुगणेतो। . पव्वइही दुप्पसहो अणुसट्ठो नाइलऽज्जेणं // 832 // सो पव्वइतो संतो महया जोगेण सुंदरुज्जोगो। . कम्मक्खतोवसमियं सिक्खीहि सुतं दसवे(वि)तालं // 833 // ૧ર૬